[गिद्धौर | अभिषेक कुमार झा] :- मुख्यालय से तकरीबन एक किलोमीटर स्थित बंझुलिया एवं पतसंडा के बहियार, में कार्यरत् किसानों को अपनी फसल को सिंचाई करने के लिये बाँस के खूँटे का सहारा लेना होता है।
आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि एक तरफ जहां मौजूदा सरकार किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाते हुए किसान हित में कई तरह के दावे किये जा रहे हैं इन तस्वीरें से जाहिर हो रही लापरवाही से तमाम सरकारी दावे फिसड्डी सिद्ध हो रहे हैं।
बंझुलिया बहियार का आलम यह है कि यहाँ पर खेती कर रहे किसान बिजली पाने के लिए बार बार टोका का प्रयोग कर रहे हैं।स्थानीय कृषक गौरी पासवान,रामदेव पासवान, प्रमोद साव आदि बताते है कि हमलोगों के बहियार में बिजली पाॅल और तार नहीं पहुँची, लिहाजा हम गरीब किसानों को बाँस की खूँट के सहारे पाॅल से बहियार में बिजली लाकर फसल पटवन के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। पटवन पश्चात पाॅल से टोका उतार दिया जाता है ताकि कहीं तार गिरकर बड़ा हादसा ना हो।
बंझुलिया बहियार का आलम यह है कि यहाँ पर खेती कर रहे किसान बिजली पाने के लिए बार बार टोका का प्रयोग कर रहे हैं।स्थानीय कृषक गौरी पासवान,रामदेव पासवान, प्रमोद साव आदि बताते है कि हमलोगों के बहियार में बिजली पाॅल और तार नहीं पहुँची, लिहाजा हम गरीब किसानों को बाँस की खूँट के सहारे पाॅल से बहियार में बिजली लाकर फसल पटवन के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। पटवन पश्चात पाॅल से टोका उतार दिया जाता है ताकि कहीं तार गिरकर बड़ा हादसा ना हो।
स्थानीय किसानों ने अपना दुखडा सुनाते हुए यह भी बताया कि हम किसान भाई अपनी जान जोखिम में डालकर तार खींचे हुए है अगर ऐसा नहीं करेंगे तो हमलोगों की फसल नही हो पाएगी जिससे की हमलोग भुखमरी के कगार पर पहुँच जाएगें।


- *पतसंडा में भी कुछ ऐसा ही है आलम*
कुछ ऐसा ही हाल पतसंडा के पूर्वा बहियार का भी है जहां सिंचाई कैनाल के किनारे स्थित बहियार में भी बांस के सहारे लटकते जर्जर तार अनहोनी को आमंत्रण दे रहे हैं। इस बहियार में किसानी करने वाले कृषक विनोद यादव, सूखो रावत, नुनेश्वर यादव, चंदन कुमार आदि ने बताया कि बांस के सहारे खड़े किए गए बिजली की तार से कई बार अप्रिय घटना को टाला जा चूका है। पर दिन-ब-दिन हाई वोल्टेज वाली यह तार बहियार में चारा चरने वाले मवेशियों के साथ साथ स्थानीय कृषकों के लिए भी जी का जंजाल बना हुआ है।
इस संदर्भ में प्रखंड वार्ड संघ के सचिव डब्लू पंडित बताते हैं कि ग्रामीणों द्वारा कई बार बिजली विभाग के वरीय पदाधिकारियों से इसकी लिखित सूचना दी गई लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई निदान नही निकल पाया।
(न्यूज डेस्क)
06/03/2018,मंगलवार
www.gidhaur.com