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बिहार बोर्ड के कदाचार मुक्त परीक्षा के दावे फेल, नकलचियों की बल्ले-बल्ले

Gidhaur.com (विशेष) : बिहार में दसवीं बोर्ड की परीक्षा को कदाचार मुक्त बनाने के सारे प्रयास बेकार साबित हो रहे हैं। कदाचार न हो इसके लिए सभी परीक्षा सेंटर पर कई आदेश और कार्यवाही की गई है। कुछ हद तक विद्यार्थियों को बाहर से मिलने वाली मदद को ख़त्म कर दिया गया है। लेकिन इसका काट सोशल मीडिया ने निकाल लिया है, जहाँ विद्यार्थियों के शुभचिंतकों के पास वाट्सअप पर परीक्षा शुरू होने से पहले ही पूरा प्रश्नपत्र आ जाता है।

इसकी जानकारी खुद विद्यार्थियों और उनको पास कराने वाले परिजनों ने दिया। ऐसे ही परिजनों में से एक हमारे पास आकर क्वेश्चन सॉल्व करने के बदले मोटी रकम देने की भी बात कर रहे थे। यह बात जितना आश्चर्यजनक था उससे ज्यादा संशय इस बात को लेकर है कि क्या सरकारी महकमों को कानों कान इस बात की ख़बर है या वे जानकर भी अनजान बने बैठे हैं।

इस बात को को झुठलाया नहीं जा सकता है। परीक्षा के दौरान कल कुछ देर तक सेंटर के बाहर रहने का मौका मिला। वहां का जो नजारा था वह काफी आहत करने वाला था। जहाँ वीक्षक की आड़ में सेंटर पर धड़ल्ले से बच्चे परीक्षा में चोरी करते नज़र आ रहे थे, वहीं वीक्षक भी इस कदाचारमुक्त परीक्षा को असफल बनाने में साथ देते नजर आए। अब बोर्ड जहाँ तक भी नकलविहीन परीक्षा की बात करे लेकिन चोरी-छुपे नकल की आजादी भी मिल रही है।

रवि मिश्रा
(ये लेखक के निजी विचार हैं। लेखक शिक्षाविद् हैं एवं जिला मुख्यालय जमुई में द ज्ञानम् एकेडमी के नाम से अपना कोचिंग चलाते हैं)
23/02/2018, शुक्रवार

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