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शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

पटना : डॉक्टर बनना चाहती थी देवयानी दुबे, महिला सशक्तिकरण की बनी पहचान

Gidhaur.com (पटना) : जनता दल यूनाईटेड महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव और दैनिक जागरण संगिनी क्लब की उपाध्यक्ष देवयानी दुबे विगत कई वर्षों से सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं। महिला सशक्तिकरण एवं महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ करीब एक दशक से देवयानी कई महत्वपूर्ण कार्य करने में लगी हुई हैं।

सामाजिक गतिविधियों में इनकी भागीदारी आज के युवा पीढ़ी के लिये मिसाल बन गयी है। देवयानी दुबे अपनी जीवनशैली से समय निकालकर समाजसेवा में भी अपना पूरा योगदान देती हैं।

बिहार के राजधानी पटना की रहने वाली देवयानी दुबे बचपन के दिनों में डॉक्टर बनने का सपना देखा करती थी हालांकि उनका यह ख्वाब पूरा नही हो सका। देवयानी ने वर्ष 2005 में बीकॉम की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद एमबीए की पढ़ाई की। इसी दौरान उन्हें रेडियो मिर्ची से भी जुड़कर काम करने का अवसर मिला।

वर्ष 2006 में देवयानी शादी के अटूट बंधन में बंध गयी। उनके पति अक्षय उन्हें हर कदम सर्पोट करते हैं। जहां आम तौर पर युवती की शादी के बाद उसपर कई तरह की बंदिशे लगा दी जाती हैं, लेकिन देवयानी के साथ ऐसा नही हुआ। देवयानी दुबे ने इसके बाद आइसीआई प्रुडेंशियल में मार्केटिंग मैनेजर के तौर पर भी काम किया।

'जिंदगी में कुछ पाना हो तो खुद पर ऐतबार रखना,
सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना,
कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें,
बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना।'

देवयानी दुबे को समाज सेवा में भी गहरी रूचि थी। देवयानी महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना चाहती थी और इसी को देखते हुये वह वर्ष 2015 में स्वंय सेवी संगठन से जुड़ गयी और महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर काम किया। देवयानी दुबे का कहना है कि चाहे खेल कूद हो अथवा अंतरिक्ष विज्ञान, हमारे देश की महिलाएं किसी से पीछे नहीं हैं। वे आगे बढ़ रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देश का गौरव बढ़ा रही हैं।

देवयानी कहती हैं कि नारी सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधूरा है। वैसे अब ये मुद्दा Women Development का नहीं रह गया, बल्कि Women-Led Development का है। यह जरूरी है कि हम स्वयं को और अपनी शक्तियों को समझें। जब कई कार्य एक समय पर करने की बात आती है तो महिलाओं को कोई नहीं पछाड़ सकता। यह उनकी शक्ति है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए।

वर्ष 2017 में देवयानी दुबे महिला सशक्तीकरण की दिशा में काम करने वाली दैनिक जागरण संगिनी क्लब से जुड़ गयी जहां उनकी काबलियत को देखते हुये उन्हें उपाध्यक्ष भी बनाया गया।

देवयानी महिलाओं को आह्वान कर कहती है -
कोमल है कमजोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है।
जग को जीवन देने वाली, मौत भी तुझसे हारी है।
इल्म, हुनर में, दिल दिमाग में, किसी बात में कम तो नहीं।
बहुत हो चुका अब मत सहना, तुझे इतिहास बदलना है।
नारी को कोई कह ना पाए, अबला है बेचारी है।

वर्ष 2018 में देवयानी दुबे को जनता दल यूनाईटेड महिला प्रकोष्ट का महासचिव भी बनाया गया। देवयानी आज कामयाबी की मंजिले तय कर सफलता के नये आयामों को छू रही है।

अनूप नारायण
पटना      |      09/02/2018, शुक्रवार

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