Gidhaur.com (विशेष) : जो शहर हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर दंगे की आग में झुलसते रहता था, जो शहर हर पर्व-त्योहारों के दौरान सहमा-सहमा सा रहता था, आज उस शहर में मातम पसरा है। चाहे हिन्दू हो या मुस्लिम सभी गमगीन है।
महाशिवरात्रि पर भी मंदिरों में सादगी है, तो मुसलमान भी भारत माता के जयकारे लगा रहे है। यह सब हुआ है भोजपुर के पीरो के लाल मोजाहिद के कारण। मोजाहिद देश की रक्षा करते हुए श्रीनगर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया। मोजाहिद सीआरपीएफ की 49वी बटालियन में तैनात था।
मोजाहिद का शव मंगलवार की देर शाम श्रीनगर से पटना पहुंचा और वहां से गांव लाया गया। बुधवार की सुबह से ही पीरो गांव में हजारो लोगो की भीड़ जुटने लगी। ऐसा लगा जैसे कोई मेला लगा हो। हर कदम पीरो के लोहिया चौक के पास जमा होने लगा। जहाँ से शहीद मोजाहिद को अंतिम सलामी देनी थी। खास बात थी कि शहर के नवयुवक हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता की जय और जब तक सूरज चांद रहेगा मोजाहिद तेरा नाम रहेगा के नारे लगा रहे थे। इन नवयुवकों में कही यह भेद नही था कि कौन मुस्लिम है और कौन हिन्दू।
अपनी ओछी राजनीति के लिए खद्दरधारी भले ही दो कौमो को बांट दें लेकिन देश के हर जवान के शहादत की अहमियत होती है।
अनूप नारायण
15/02/2018, गुरुवार