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Friday, 9 June 2017

झमाझम बारिश से किसान हुए खुश, मिटी चिंता की लकीरें

मौसम की बेरूखी में लम्बे समय के इंतजार के बाद धरती की प्यास बुझाने के लिए आसमान पर चादर की तरह तने बादल जब बरस पडे़ तो मुरझाए हुए अन्नदाता के चेहरे से चिन्ता की लकीरे गायब हो गयी।  पहले झमाझम और उसके बाद रिमझिम फुहार वाली बरसात ने मौसम के साथ-साथ किसानों का भी मिजाज बदलकर रख दिया है। कई दिनों से गर्मी और उमस के कारण बेहाल गिद्धौरवासियों को भी राहत मिल गई है। बुधवार से ही बदले मौसम का लुत्फ लेने के लिए लोग छतों पर चढ़े रहे।
बुधवार एवं गुरुवार को सुबह से लेकर दोपहर तक हुई बारिश के कारण लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई। गिद्धौर में कहीं बैंककर्मी देरी से पहुंचे तो कहीं स्कूलों में सन्नाटा नजर आया। आसमान में कई दिनों से बादल छाए थे लेकिन बरसात न होने से किसानों के चेहरे मुरझाए हुए थे।इधर दो-तीन दिन से मौसम ने करवट फेर ली है। दो दिन के बरसात के बाद सुबह से ही गगन में बादल छाए रहे। फुहारें भी पड़ती रही। मौनसून के आवागमन से बरसात हो जाने के बाद किसानों ने नर्सरी में खड़ी धान की पौध को खेतों में रोपन शुरू करने का विचार आरंभ कर दिया है। गिद्धौर के सभी नहर-नदी में भी पानी आ चुका है।धान की पैदावार के लिये गिद्धौर ब्लाक जमुई जिले के तीसरे स्थान पर आता है। बीज-खाद विक्रेताओं की माने तो गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत मौरा, कोल्हुआ, रतनपुर इत्यादि गांवों में कृषकों द्वारा धान की पौध रोपने के लिये कमर कस ली गई है। गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत कई पंचायतों के कृषकों ने बाजरा, ज्वार, मक्का, उड़द, मूंग, अरहर की भी फसल बोने को तैयारी शुरू कर दी है।
किसान दो दिन के भीतर हुई बरसात को पर्याप्त मान रहे है। हालांकि धान के पैदावार क्षेत्र के किसान दो-तीन दिन और बरसात की आस लगाए हैं। वहीं रोपनी के लिए किसान इस बारिश को पर्याप्त बता रहे है। किसानों ने रोपनी एवं अन्य मौनसून के फसल बोने की तैयारी शुरू कर दी है जिसके लिए खेतों की  जोताई की भी तैयारी की जा रही है। उम्मीद है कि सूने पड़े खेतों मे जल्द ही हरियाली देखने को मिलेगी। बस ये मौसम की बारिश होती रहे, किसानों को और क्या चाहिए! 

(अभिषेक कुमार झा)
~गिद्धौर       |      09/06/2017, शुक्रवार
www.gidhaur.blogspot.com

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