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गिद्धौर रेलवे स्टेशन : डाउन प्लेटफॉर्म नहीं है ऊँचा, गिर जाते हैं यात्री

दीर्घ अंतराल के पश्चात जब गिद्धौर को रेलवे स्टेशन की सौगात मिली थी तो गिद्धौरवासियों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, परन्तु अब मौजूदा हालात मे रेलवे स्टेशन के कार्य करने की गति इतनी सुस्त है कि स्टेशन का अधिकतर कार्य अभी तक अधूरा पड़ा है। जहां सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन यात्री अपने गंतव्य स्थान जाने के लिए स्टेशन आते हैं, लेकिन डाउन प्लेटफ़ॉर्म संख्या दो को ऊँचा कराने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। ऐसे में वृद्धों, महिलाओं और बीमारों को ट्रेन से चढ़ने-उतरने में परेशानी होती है एवं कई बार लोग दुर्घटनावश गिर भी जाते हैं। जब हमने गिद्धौर रेलवे स्टेशन पहुचकर लोगों से बातचीत की तो यह निष्कर्ष मिला कि यात्री इस गर्मी में प्लेटफॉर्म पर छोटी छत के नीचे बैठने को मजबूर हैं। न तो पर्याप्त पंखा है, न तो पेयजल की व्यवस्था, न तो कोई आवश्यक वस्तु रेलवे स्टेशन परिसर में मिलते है। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ाता गिद्धौर रेलवे स्टेशन परिसर साफ-सुथरा भी नहीं रहता। रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क की जो स्थिति है, उसका तो जिक्र ही व्यर्थ है। प्लेटफॉर्म पर ठंडे पानी एवं शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है। साथ ही फुट ओवरब्रिज की मरम्मत, सफाई और रंग-रोगन की आवश्यकता है।
गिद्धौर रेलवे स्टेशन को पुनर्जीवित एवं सौंदर्यीकरण का कार्य आरंभ कराने का बीड़ा उठाया तो जाता है, लेकिन फिर भी लापरवाह रवैये के कारण आज यह रेलवे स्टेशन सालों से उपेक्षित है। स्टेशन के डाउन प्लेटफार्म पर पेयजल, शौचालय, प्लेटफार्म अपग्रेडेशन, वेटिंग रूम, आरक्षण काउंटर की व्यवस्थाए, स्टेशन परिसर में समुचित रोशनी की व्यवस्था जैसे मूलभूत सुविधा भी आवश्यक रूप में उपलब्ध नहीं हैं। रेल टिकट आरक्षण की व्यवस्था यहाँ अब तक नाहीं हो पाई है जिससे कि यात्रियों को झाझा या जमुई जाकर अथवा एजेंटों द्वारा आरक्षण करवाना पड़ता है। 

स्टेशन परिसर के ठीक बाहर निकलते ही पूर्व रेल राज्य मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह के प्रयास से गिद्धौर रेलवे स्टेशन परिसर को रौशन करने के लिए लाखों की लागत से हाईमास्क लाइट लगाया गया था जो कभी जला तो कभी बंद रहा। यह हाईमास्ट लाइट भी विभागीय उदासीनता के कारण पिछले लम्बे समय से बंद पड़ा है। अँधेरा रहने की वजह से 
अपराधी खुलेआम इसका फायदा उठा कर आराम से लूट व छिनतई जैसे आपराधिक घटना को अंजाम दे, बैखोफ घुमतै है। 

जब, दिनांक  6 सितम्बर 2016 को दानापुर मंडल के डीआरएम के साथ जमुई लोकसभा सांसद चिराग पासवान द्वारा गिद्धौर रेलवे स्टेशन की समस्याओं का जायजा ले निरीक्षण किया गया था, तब गिद्धौर रेलवे स्टेशन से सटे दूर-दराज इलाकों से सफर करने वाले रेल यात्रियों को गिद्धौर रेलवे स्टेशन पर शौचालय, डाउन प्लेटफार्म के अपग्रेडेशन, वेटिंग रूम, आरक्षण काउंटर सहित कई अन्य ट्रेनों के संचालन सहित उक्त स्टेशन पर आधुनिक संसाधनों की मांग रखी गई थी। जिसके फलस्वरूप सांसद के पहल पर दानापुर मंडल के रेल प्रबंधक द्वारा स्टेशन का निरीक्षण कर गिद्धौर स्टेशन पर समुचित संसाधन मुहैया कराने को ले समस्याओं से अवगत हो उनका निराकरण का प्रयास करने का आश्वासन दिया गया था। परन्तु आज पूर्व रेल राज्य मंत्री  स्व. दिग्विजय सिंह के गृह प्रखंड में अवस्थित गिद्धौर रेलवे स्टेशन,  विभाग के आलाधिकारियों की उदासीन रवैये का दंश झेल रहा है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अच्छे दिन के ख्वाब तो दिखा दिये, पर ख्वाब मुकम्मल होगा या नहीं यह देखना अभी शेष है। 



(अभिषेक कुमार झा)
~गिद्धौर      |      20/06/2017, मंगलवार
प्रेरक वचन - कोई चुनाव मत करिए, जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है। ~ओशो

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2 टिप्पणियाँ

  1. जय गिद्धाैर सभी लोग मिल कर आवाज बुलंद करें। आैर गिद्धाैर का विकास कराये गिद्धाैर का उत्थान में सहयोगी बने।

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  2. जय गिद्धाैर सभी लोग मिल कर आवाज बुलंद करें। आैर गिद्धाैर का विकास कराये गिद्धाैर का उत्थान में सहयोगी बने।

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