'अब पियवा के लागल बा कचहरी भेजले बा डोलिया कहारी...'
भोजपुरी लोकगायक अजित कुमार अकेला का आज अहले सुबह ब्रेन हेमरेज से निधन हो गया उनकी स्मृति में अनूप नारायण ने इस आलेख को कलमबद्ध किया है।
भोजपुरी लोकगायक अजित कुमार अकेला का आज अहले सुबह ब्रेन हेमरेज से निधन हो गया उनकी स्मृति में अनूप नारायण ने इस आलेख को कलमबद्ध किया है।
'कौड़ी कौड़ी जोड़ के संचय कइनी खजाना, पूंजी सब खर्चा हो गईले करब से कवन बहाना...' 'त पल भर समय ना घटिहे-बढिहे, समय से खुली सवारी अब पियवा के लागल बा कचहरी भेजले बा डोलिया कहारी...' यह निर्गुण अकसर लोकगायक अकेला कुमार अकेला गाया करते थे। गुरु अजित जी से पहली मुलाकात पटना हाई स्कूल में 1995 में हुई वे वहां संगीत शिक्षक थे। मेरे ऊपर उनका विशेष स्नेह था। पटना कालेज के पास ऐनी बेसेंट मार्ग में उनका आवास था, पर इन दिनों राजापुर पुल के पास गंगा अपार्टमेंट में रहने लगे थे।
'हमार बैल गाडी सबसे अगाडी', 'झामलाल बुढवा पीटे कपार', 'बऊरहवा के अजबे राजधानी देखनी', 'देवी भईली गुलरी के हो फूल', 'अईली दुअरिया बन के पुजरिया', 'चार गो बेलपत्र चार दाना चाऊर', 'ऐ भोला देख तहार' आदि उनके लोकप्रिय हिट गीत थे। एचएमवी, वेस्टर्न, टिप्स, गंगा, सूर्या, बी सिरिज, वेव व टी सिरिज पर तीन सौ से ज्यादा हिट भोजपुरी एलबम इन्होंने गाया था। 'सईया सिपहिया बलमा', 'जय मईया अम्बे भवानी', 'कल हमारा है' समेत 18 भोजपुरी व 5 हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायन भी किया था। रेडियो व दूरदर्शन के ए ग्रेड लोकगायक थे।
नब्बे के दशक में भोजपुरी के सबसे लोकप्रिय व हिट गायक थे। शारदा सिन्हा के बाद भोजपुरी छठ गीतों के इकलौते प्रतिनिधि मेल गायक बने जिनके गाए छठ गीत 'दर्शन दिही भोरे भोरे हे', 'अबकी के गेहुआ महंग भईल बहिनी छोड देहू हे बहिनी छठिया बरतिया' हरेक भोजपुरी भाषी के घर में बजे। सरकारी स्कूल की नौकरी में रहते हुए भोजपुरी का मान बढाया। मंच के टंच कलाकार थे अकेला जी। देवी जागरण में इनका कोई जोड नहीं था। कंठ में साक्षात सरस्वती विराजमान थी। पूर्वी सोहर, झूमर, कजरी, निर्गुण, बारहमासा से लेकर सोठी लोरिकायन तक के प्रतिनिधि गायक थे। अजित कुमार अकेला अश्लीलता के मुखर विरोधी भी थे। इन दिनों अस्वस्थता के बावजूद गीत संगीत को सहेजने में लगे थे। पटना से सटे संपतचक के सभ्रांत ब्राह्मण परिवार में जन्मे अकेला के पिता रामपुकार महाराज धार्मिक प्रवृत्ति के इंसान थे। एक पुत्र व एक पुत्री के पिता अकेला जी मारिशस फिजी गुयाना त्रिनिदाद टोबेको मे भी सैंकडों शो कर चुके थे।