गिद्धौर स्थित माँ बाला त्रिपुर सुंदरी मंदिर व तालाब के किनारे झुग्गियों में बसर कर रहे बंजारों की ज़िन्दगी बेहाल है। सैंकड़ों की आबादी में यहाँ पर रहने वाले अत्यंत ही गरीब व पिछड़े बंजारे मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। स्थायी ठिकानों के अभाव में इन्हें जीवनयापन के लिए कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इनके दिन की शुरुआत सूरज निकलने से पहले होती है। रोजमर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ये बंजारे कचड़ा बीन कर एवं कचड़ों के ढेर से जला हुआ कोयला का टुकड़ा चुनकर उसी पर खाना बनाते हैं। सरकारी सुविधा के अभाव मे इन्हें बहुत तकलीफ़ों का सामना प्रतिदिन करना पड़ता है। सालों से ये लोग यहाँ रह रहे हैं फिर भी इनके हालत को देखने वाला कोई नहीं है।
www.gidhaur.blogspot.com के लिए बासुदेव कुमार
~ गिद्धौर | 11/05/2016, शुक्रवार
(Adv.)






