नारी का सम्मान जिस देश में होता है। वह राष्ट्र और वहां की संस्कृति जीवंत रहती है। राष्ट्र और समाज की बागडोर नारियों के हाथ में हो तो उनका मातृ-हृदय अपने सौजन्य और सहृदयता के कारण सर्वत्र सुख-शांति की स्थापना कर सकता है क्योंकि हमारे देश की प्रत्येक नारी सुचिता, स्मिता और स्नेहमूर्ति साकार है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान् श्री राम, स्वामी विवेकानंद, शिवाजी, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जैसी शख्सियतें मातृशक्ति की अमूल्य निधियां है। इतना ही नहीं मां के पावन मार्गदर्शन में महापुरूषों, संत महात्माओं और देशभक्तों ने गौरवशाली इतिहास रचे और दुनिया के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए।
मां के कुशल नेतृत्व में घर मंदिर और परिवार में रहने वाले लोग देवता बन जाते हैं।

(अभिषेक कुमार झा)
~गिद्धौर | 14/05/2017, रविवार