जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत मौरा स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था का आलम यह है कि पिछले दो वर्षों से इस विद्यालय में बच्चों का नामांकन तो होता है लेकिन नियमित पढ़ाई नहीं होती। परेशानी यह है की यहाँ कक्षाओं में विद्यार्थियों के बैठने के लिए बेंच डेस्क की भी व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा पढ़ाने के लिए सभी विषयों के शिक्षक भी नहीं हैं। ऐसे में दिक्कत यह है की जो बच्चे बोर्ड परीक्षा देंगे उनकी तैयारी सही तरीके से नहीं हो पा रही है।
बिना सम्बंधित विषय के शिक्षकों के अभाव में बच्चों को पठन-पाठन में कठिनाइयां होती है। बिहार सरकार द्वारा नकल पर नकेल कसने की कवायद ने बोर्ड की परीक्षा को और भी सख्त कर दिया है। ऐसे में निकट भविष्य में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं में विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम क्या होगा यह सोचनीय है। 





