"अरे ! तौहे कहीं छोटकौ के देखली की?
गिद्धौर बाजार का शायद ही ऐसा कोई कोना होगा जहां विभिन्न किस्म के आमों ने अपना स्थान न बनाया हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि गिद्धौर मुख्य बाजार में फलों के राजा आम ने दस्तक दे दी है।
- हाँ चाची, ऊ त आमा के बगीचवा मे हौ। "
समय आने दीजिए, आने वाले एक दो सप्ताह में इस प्रकार की बातचीत आपके आस-पड़ोस में भी सुनने को मिलेगी। और सुनने को मिले भी क्यों न, भला फलों की श्रृंखला में इन दिनों गिद्धौर बाजार में अगर कोई बाजी मार रहा है तो वह है 'फलों का राजा' आम। कच्चे-पके सभी आमों से गिद्धौर बाजार भरा पड़ा है। स्थानीय गांवों से किसान अचार, जेली व शरबत बनाने के लिए कच्चे आम लाकर बाजार में बेच रहे हैं। साथ ही बाहर की मंडियों से पके आम भी बिक्री के लिए उतारे गए हैं।
गिद्धौर बाजार का शायद ही ऐसा कोई कोना होगा जहां विभिन्न किस्म के आमों ने अपना स्थान न बनाया हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि गिद्धौर मुख्य बाजार में फलों के राजा आम ने दस्तक दे दी है।
गिद्धौर बाजार में विभिन्न किस्म के आमों ने दुकानों की शोभा बढ़ा दी है।
हालाँकि बारिश और तेज हवा से प्रभावित होने कारण आम की कीमत मे थोड़ी बढ़ोतरी जरूर हुई है, पर इस चिलचिलाती धूप और गर्मी की तपिश में भी आम का स्वाद लोगों को तरोताजा कर देता है।
* इसमें पाया जाने वाला विटामिन B शरीर को स्वस्थ रखता है।
*पके और कच्चे आम दोनों की अपनी खासियत है।
* लू से सुरक्षित रखता है।
खैर, अब जो भी हो, सामान्य व्यक्ति के साथ-साथ महँगाई की मार तो हमारे फलों के राजा साहब भी झेल रहे हैं। फिर भी मीठे आम सबको अपनी ओर आकर्षित कर ही ले रहे हैं।
खैर, अब जो भी हो, सामान्य व्यक्ति के साथ-साथ महँगाई की मार तो हमारे फलों के राजा साहब भी झेल रहे हैं। फिर भी मीठे आम सबको अपनी ओर आकर्षित कर ही ले रहे हैं।
(अभिषेक कुमार झा)
गिद्धौर | 16/05/2017, मंगलवार