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सार्वजनिक शौचालय के बंद रहने से महिलाओं को असुविधा

स्वच्छ भारत मिशन के तहत दिया गया खुले में शौच न करने का नारा, दुर्गा मन्दिर के सामने नदी तट पर बने शौचालय में ताला बंद रहने से बेमकसद साबित हो रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा देश को साफ सुथरा रखने विशेषकर खुले में शौच न करने का आवाहन व कोशिश को पलीता उन्हीं के अधीन आने वाले मंत्रालय ही लगा रहे हैं। तब ही तो गिद्धौर दुर्गा मन्दिर के सामने बने शौचालय पर जड़ा ताला गिद्धौर के महिलाओं को मुंह ही नहीं चिढ़ा रहा बल्कि जरूरतमंदों को खुले में शौच करने के लिए भी उकसा रहा है। शौचालय में ताला बंद रहने से खुले में शौच के लिए जाना गिद्धौर वासियों की मजबूरी बनी हुई है।


वैसे,  वर्तमान में तो केंद्र व सूबे की सरकारें लोगो को घर-घर शौचालय मुहैया कराने का सपना दिखा रहे हैं। इस योजना को अमली जामा पहनाने को दोनों हाथों से सरकारी खजाने खाली किये जा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत तो वर्ष 2019 तक कोई भी घर शौचालय विहीन नहीं रहने का ढिढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन यहां तो कई सालों से बंद पड़े सार्वजनिक शौचालय योजना को मुंह चिढ़ाने रहे हैं। गिद्धौर दुर्गा मंदिर के निकट लाखो रुपये की लागत से तकरीबन पाँच साल पहले शौचालय बनाया गया था। सरकारी महकमे का आलम है की इस सार्वजनिक शौचालय के बारे में किसी को कोई जानकारी तक नहीं है। उक्त भवन में शौचालय के साथ-साथ कपड़े बदलने के लिए भी कक्ष बनाया गया है जिससे कि नदी में स्नान करने वाली महिलाओं को असुविधा ना हो। 


लाखों की धनराशि व्यय के उपरांत शौचालय मे लटके ताले से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने को लेकर सरकारी महकमा कितना फिक्रमंद है।
     अब इसे पढने के बाद कोई अफसर बाबू या जनप्रतिनिधि हरकत में आएँगे, ऐसा कहना मोदीजी के अच्छे दिन लाने के ख्वाब से बेमानी होगी ।
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(अभिषेक कुमार झा)
26/04/2017, बुधवार 



(Adv.)

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