बदहाली में अन्नदाता, धान बेचने में हो रही परेशानी

गिद्धौर में धान कटनी का दौर शुरू हो चुका है। बढ़ते वैश्वीकरण के दौर में आर्थिक वृद्धि के आसार तो दिख रहे हैं, लेकिन इसका सीधा लाभ हमारे किसानों व उनके गांवों को मिलता नजर नहीं आ रहा है। प्रखंड अंतर्गत समस्त पंचायतों में अब तक धान क्रय केन्द्र नहीं खुलने से किसान परेशान होकर औने-पौने दाम में धान बेचने को विवश हैं। सूत्रों के मुताबिक, गेहूं, चना, मसूर एवं अन्य फसल लगाने हेतु धान को  बिचौलियों के हाथों बेचने की सूचना प्राप्त हो रहे हैं। इससे प्रखंड अंतर्गत सभी पंचायतों  के हजारों किसान की माली हालत दयनीय हो गई है। कुछ कृषकों का कहना है कि धान और अन्य फसल किसान जब बिचौलियों के हाथों बेच चुके होते हैं तब जाकर इस दिशा मे सरकारी कार्य प्रारंभ होते हैं। इन्हीं वजहों से तमाम किसानों का खेती के प्रति रूझान कम हो रहा है। उनके द्वारा बीज, खाद एवं मजदूरी काफी बढ़ गया है। बावजूद इसके उनको फसल का समर्थन मूल्य भी नसीब नहीं होता। प्रखंड के कुछ कृषकों का कहना है कि डीजल अनुदान का आवेदन लेकर भी अधिकारीयों के तुगलकी फरमान की वजह से हमलोग डीजल अनुदान की राशि से लाभान्वित नहीं हो सके। अब जब हम गरीब किसानों के कठोर व कठिन परिश्रम से ये फसल तैयार हो चुका है तो, सरकारी क्रय केन्द्र कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में किसान अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं और हमारे देश के अन्नदाता आज बेहाली का दंश झेलने को विवश हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रखंड में जल्द धान क्रय केन्द्र या पैक्स नहीं खोला गया तो अब किसान आन्दोलन करने को लाचार हो जाएंगे । साफ तौर पर अगर कहा जाए तो सरकार के समस्त दावे और आजादी के सात दशकों के बाद भी देश के किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

(अभिषेक कुमार झा)
~गिद्धौर
20/12/2016, मंगलवार

Promo

Header Ads