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जमुई : जिलेभर में चल रहे बालू के अवैध उत्खनन में माफियाओं की पौ-बारह, विभाग बेसुध


न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】:-

जब सारी दुनिया नींद के आगोश में होती है तब गिद्धौर-खैरा थाना सीमा पर अवस्थित कोल्हुआ गांव में बालू माफियाओं की चांदी कटती है। न सिर्फ कोल्हुआ में बल्कि कोल्हुआ जैसे अन्य क्षेत्र में भी इस गोरखधंधे में बालू माफ़ियाओं की पौ-बारह होती है। विश्वस्नीय सूत्रों की माने तो, प्रशासन और माफिया के गठजोड़ पर क्षेत्र में रेत का गोरखधंधा चल रहा है।

रात के अंधेरे में ट्रक से ट्रैक्टर पर अनलोड हो रहा बालू

गौरतलब है कि एक तरफ कोरोना संक्रमण से आम अवाम को सुरक्षित रखने की कवायद में जहां प्रशासनिक महकमा अस्त व्यस्त है, तो दूसरी तरह इसी बात का फायदा उठाकर क्षेत्र के बालू माफिया अवैध उत्खनन कर सरकारी मैदान में डंप कर कागजी धौंस पर इन्हें बाहर भेज गाढ़ी कमाई करने में लगे हैं।


 ठोस कार्रवाई न होने से माफियाओं के बुलन्द हैं हौसले -

रात के अंधेरे में खुले जगह पर बालू डंपिंग का नजारा बताता है कि बालू माफिया जिले के पुलिस पर भारी पड़ रहे हैं। बालू माफियाओं के समक्ष पुलिस भी नतमस्तक दिख रही है।  विगत दिनों बालू वाहनों के विरूद्ध कार्रवाई के दौरान बालू माफियाओं ने पथराव कर कई पुलिसकर्मीयों को गंभीर रूप से जख्मी भी किया था। इनके बढ़ते मनोबल का आंकलन इससे लगाया जा सकता है कि दो थाने की पुलिस को ये माफिया खुलेआम चुनौती देकर कोल्हुआ में अपनी पैठ जमा चुके हैं। इधर, स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा इन माफियाओं पर कार्रवाई करने की कोई ठोस योजना नहीं बन पाई है। पुलिस  प्रशासन  अपने ओर से इन माफियाओं पे नकेल कसने की पुरजोर कवायद करती है बावजूद इसके इन माफ़ियाओं के फन जमीन से उठते दिख रहे हैं।

- बालू उठाव से क्षुब्ध ग्रामीणों ने की अवैध बालू उत्खनन पर रोक की मांग  -

क्षेत्रीय ग्रामीण ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि यदि इसी तरह नदी घाट से अवैध बालू उठाव का खेल चलता रहा तो नदी गहरी हो जाएगी व नदी का जलस्तर भी नीचे चला जायेगा। इलाके के कृषकों को अपने खेतों में फसल उपज को लेकर संकट का सामना भी करना पड़ सकता है और इससे इलाके के खेती पर व्यापक असर पड़ेगा। बालू उठाव से क्षुब्ध ग्रामीणों ने की अवैध बालू उत्खनन पर रोक लगाने की मांग की है। इस ओर ध्यानाकृष्ट करने के लिए जिला खनन पदाधिकारी से फोन पर सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन बंद पाया गया।
हालांकि आम लोग बालू माफियाओं के भय से कुछ नहीं बोल पर दबी जुबान से तेजी से हो रही अवैध तरीके से बालू उत्खनन को देखते हुए पुलिस प्रशासन व बालू माफियाओं के मिलीभगत की बात करते हुए उनकी तस्वीरें कैमरे में कैद हो गयी ।

कोल्हुआ पंचायत भवन के बगल में डम्प किया हुआ बालू

बता दें, सरकार द्वारा प्राकृतिक वन संपदाओं के संरक्षण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट एनजीटी के तहत प्रकृतिक वन संपदा के दोहन को लेकर कड़े कानून बना रखे हैं। लेकिन इनसब से परे क्षेत्र के बालू माफिया सरकार व प्रसासन के सारे नियमो कवायदों को धत्ता बताते हुए इन प्रकृतिक संपदाओं का दोहन कर रहे हैं।