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दिल्ली विधानसभा चुनाव : मतदाता घर बैठे देख सकेंगे बूथ की भीड़


नई दिल्ली :
दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 में मतदाता घर में बैठे-बैठे ही मतदान केंद्र पर मौजूद भीड़ का अंदाजा लगा सकेंगे। यह हैरतंगेज काम 'क्यूआर' कोड वाले 'बूथ-ऐप' से संभव हो पाएगा। साथ ही अब तक हिंदुस्तान में हो चुके तमाम विधानसभा चुनावों में इस तरह के हैरतंगेज तकनीक वाले 'ऐप' का प्रयोग करने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य बन जाएगा।

इसी ऐप के जरिये आपको घर बैठे ही पता चल जाएगा कि किस मतदान केंद्र पर कितने मतदाता उस समय तक मतदान कर चुके हैं। दिल्ली विधानसभा के इस चुनाव में यूं तो मतदान केंद्रों की संख्या में कमी आई है, मगर मतदाताओं की संख्या बढ़ी है।

ये तमाम नई जानकारियां दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने आईएएनएस टीवी से विशेष बातचीत में दीं। आईएएनएस टीवी से दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर खास बातचीत के दौरान दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आगे कहा, "क्यूआर कोड मतदान केंद्र के प्रवेशद्वार पर ही मतदाता के हाथ में मौजूद पर्ची को पलक झपकते स्कैन कर लेगा। इससे रजिस्टर में हाथ से कुछ लिखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वक्त की बचत होगी। पहले के चुनावों की तरह मतदान केंद्र के प्रवेशद्वारों पर मतदाताओं की भीड़ भी इकट्ठी नहीं होगी। अमूमन तमाम मतदाता भीड़ से बचने की सोचा करते हैं। इसमें यह क्यूआर कोड एप बेहद कारगर साबित होगा।"

डॉ. रणबीर सिंह ने आईएएनएस टीवी से आगे कहा, "प्रवेशद्वार पर विशेष ऐप से स्कैन मतदाता पर्ची के साथ मतदाता ईवीएम के पास मतदान करने पहुंचेंगे, तब वहां दुबारा से उनकी पर्ची स्कैन की जाएगी। इससे कोई भी मतदाता घर बैठे देख सकेगा कि उस समय तक उसके मतदान केंद्र पर कितने मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करके जा चुके हैं। इसी के साथ, किसी विधानसभा चुनाव में इस तरह के क्यूआर कोड का इस्तेमाल करने वाला दिल्ली हिंदुस्तान का पहला राज्य बन जाएगा।"

उन्होंने आगे बताया, "जो बेहद कम मतदाता वाले केंद्र थे, उन्हें इस बार खत्म करके, बड़े मतदान केंद्रों में समाहित कर दिया गया है। मतलब, दिल्ली राज्य के इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में मतदान केंद्रों की संख्या में कुछ कमी आई है। हालांकि, मतदाताओं की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। पिछले चुनाव में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 13,816 मतदान केंद्र बनाए गए थे, वहीं इस बार 13,715 मतदान केंद्र हैं। इस विधानसभा चुनाव में करीब 2.17 लाख नए युवा मतदाता (18-19 आयुवर्ग) भी मताधिकार का उपयोग करेंगे। यह संख्या आने वाले वक्त में इसी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बढ़ भी सकती है।"

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से मतदान में अक्सर गड़बड़ियों के आरोपों को निराधार बताते हुए डॉ. रणबीर सिंह ने कहा, "ईवीएम फुलप्रूफ है। यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें किसी रद्दो-बदल की संभावना ही नहीं रहती।"

ईवीएम, मतदान और गणना केंद्रों की सुरक्षा के बारे में पूछे जाने पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "सुरक्षा के इंतजाम बेहद कड़े होंगे। दिल्ली पुलिस के साथ रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा चुका है। हां, मतदान की संवेदनशीलता के मद्देनजर सुरक्षा बंदोबस्तों के बाबत ज्यादा कुछ खुलासा करना उचित नहीं होगा।"