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सोमवार, 17 जून 2019

जमुई : डॉक्टरों के हड़ताल से ठप पड़ी स्वास्थ सेवाएं, परेशान दिखे मरीज

न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】:-
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की बुरी तरह से पिटाई के बाद डॉक्टरों की नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसका असर जमुई जिलेभर में भी देखा जा रहा है। फिलहाल डॉक्टरों के नाराजगी से पूरे देश के साथ साथ जमुई जिले में भी स्वास्थ्य सेवाएं ठप पड़ गई है। आइएमए चिकित्सा प्रतिष्ठान और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त केंद्रीय कानून बनाने की मांग पर डॉक्टरों की टीम इसमें अपना समर्थन दे रही है।


[जमुई]

जमुई सदर अस्पताल के ओपीडी के बाहर मरीजों के परिजनों को परेशानी में देखा गया।सुबह से ही जमुई सदर अस्पताल  में रजिस्ट्रेशन काउंटर और ओपीडी के बाहर मरीजों की भीड़ लगी रही और मरीज उन डॉक्टरों का इंतजार करते दिखे, जो ऊनी मांग पर अडिग थे। दूर दराज से आये मरीजों और परिजनो को भारी परेशानी का सामना करना पडा। 

[सिकंदरा]

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के निर्देश पर देश के सभी चिकित्सकों ने 24 घंटे के लिए हड़ताल पर रहने का निर्णय लिया। जहां सिकंदरा के सभी चिकित्सक डाॅ कुमार सच्चिदानंद, डाॅ प्रकाश चंद्र वर्मा, डाॅ केपी शर्मा, डाॅ अरविंद कुमार सहित सभी चिकित्सकों ने रविवार की संध्या बैठक कर इस घटना की कड़ी निंदा की है। जिसको लेकर सोमवार को सभी चिकित्सकों ने अपने अपने निजी क्लीनिकों में सिर्फ इमरजेंसी सेवा प्रदान की है। वही दूरदराज से आने वाले मरीजों को एवं स्थानीय मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। वही सिकंदरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था। ओपीडी चिकित्सक सेवा लोगों को उपलब्ध नहीं हो पाई। लेकिन इन्मरजेन्सी सेवा के लिए व्यवस्था की गई थी। इमरजेंसी वार्ड को चालू कर दिया गया था।

 [झाझा]

डॉक्टरों का हड़ताल जमुई जिले के झाझा प्रखंड में भी जारी रहा। झाझा स्थित निजी क्लिनिक पर ताले लटकते देखे गए। मरीज डॉक्टर की राह ताकते ताकते और बेबस लाचार नजर आए। झाझा के नामचीन डॉक्टरों में से डॉ. जेसी गौतम, अभय सिंह, ओंकार बर्णवाल, आदि ने भी इस हड़ताल पर अपना समर्थन देते हुए डॉक्टरों पर हुए इस घटना की कड़ी निंदा की।

[जमुई जिले के अन्य प्रखंडों का हाल]

डॉक्टरों की नाराजगी अब जिलेभर में अभियान का रूप लेने लगी है। जमुई मुख्यालय सहित झाझा सिकंदरा के अलावे गिद्धौर, अलीगंज, सोनो, चकाई, लक्ष्मीपुर आदि प्रखंडों में भी धरती के देवता नाराज दिखे। पर जमुई जिले के गिद्धौर एवं लक्ष्मीपुर प्रखंड में इसका असर अन्य जगहों के मुकाबले थोड़ा कम दिखा।



क्या है मामला -

पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक मरीज के परिजनों ने दो डॉक्टरों पर कथित तौर पर हमला किया था, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद 11 जून से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। मरीज की मौत इलाज के दौरान अस्पताल में हो गई थी. इनके समर्थन में देशभर के डॉक्टरों ने काम न करने का फैसला किया है। आईएमए ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों से निपटने के लिए केंद्रीय कानून की मांग की है।

-क्या कहते हैं पब्लिक-

डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से स्थानीय पब्लिक परेशानियों में दिख रहे हैं। अपनी परेशानियों का राग अलापते हुए पब्लिक कहती है कि वेस्ट बेंगाल से निकली ये चिंगारी देशभर में आग का रूप ले रही है। यदि इनके मांगों की अक्षरसः पूर्ति न की गयी तो जमुई जिले की स्वास्थ्य सेवाएं कोमा में चली जायेगी।
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