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10 प्रत्याशी होने के बावजूद जमुई लोकसभा में तीसरे स्थान पर रहा नोटा!

युवा मतदाताओं की बड़ी संख्या में भागीदारी रही जिन्होंने पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया...


सेंट्रल डेस्क/जमुई | सुशांत साईं सुन्दरम :

देशभर में जनादेश का परिणाम सामने आ गाया है. एक बार फिर से एनडीए को पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का अवसर मिला है. भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं लोकप्रिय व्यक्तित्व के धनि नरेंद्र मोदी एक बार फिर भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री बनेंगे.

जमुई लोकसभा (सु.) से लगातार दूसरी बार  एनडीए प्रत्याशी एवं लोक जनशक्ति पार्टी के युवा नेता चिराग पासवान सांसद निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने महागठबंधन के प्रत्याशी भूदेव चौधरी को 2,41,049 मतों से पराजित किया. जहाँ एक ओर चिराग को कुल 5,29,134 वोट मिले वहीं भूदेव चौधरी को 2,88,085 मतों से ही संतोष करना पड़ा.

जमुई लोकसभा की दिलचस्प स्थिति यह रही कि यहाँ से कुल 10 उम्मीदवारों (नोटा सहित) के होने के बावजूद भी तीसरे स्थान पर नोटा रहा. जी हाँ! जमुई लोकसभा के मतदाताओं ने नोटा यानि की इनमें से कोई नहीं को एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों के बाद सर्वाधिक अपने मत दिए. जमुई में नोटा को 39,496 वोट पड़े जो यहाँ के कुल वोट प्रतिशत का 4.16% है.

नोटा के बाद चौथे स्थान पर बसपा प्रत्याशी उपेन्द्र रविदास रहे जिन्हें 31,611 वोट मिले. निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष पासवान एवं वीरेंद्र कुमार पांचवे एवं छठे स्थान परे रहे. उन्हें क्रमशः 16,719 एवं 14,628 वोट मिले. जमुई लोकसभा से एकमात्र महिला उम्मीदवार बहुजन मुक्ति पार्टी की विष्णु प्रिया सातवें स्थान पर रहीं. उन्हें 10,625 वोट मिले हैं.

जमुई लोकसभा चुनाव को स्थानीय बनाम बाहरी की हवा देने की कोशिश कर रहे भारतीय दलित पार्टी के अजय कुमार 8,281 मतों के साथ आठवें स्थान पर रहे. हिंदुस्तान निर्माण दल के वाल्मीकि पासवान 6,554 मतों के साथ नौवें स्थान पर रहे. जबकि पंकज कुमार दास ने सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ़ इंडिया (कम्युनिस्ट) पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए 4,004 मत प्राप्त किये.

पूरे बिहार में भी जमुई लोकसभा नोटा के मामले में तीसरे स्थान पर रहा है. पहले नम्बर पर गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र रहा, जहाँ 48,123 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया. जबकि दूसरे स्थान पर पश्चिम चंपारण रहा, जहाँ 42,572 वोटर्स ने नोटा का इस्तेमाल किया.

हालाँकि इस बार के चुनाव में युवा मतदाताओं की बड़ी संख्या में भागीदारी रही जिन्होंने पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जबकि अन्य मतदाताओं ने भी क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों को ध्यान में रखते हुए मतदान किया.