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अलीगंज : एक चापाकल बुझा रहा सौ महादलित परिवारों की प्यास, लगती है लंबी कतार


"एक अनार, सौ बीमार" यह ऐसी कहावत है जिससे लगभग सभी लोग वाकिफ़ हैं।
इसी कहावत का वास्तविक अर्थ यदि देखना हो तो जमुई जिले के अलीगंज प्रखंड में तशरीफ़ लाइये। जहां एक चापाकल के भरोसे सौ महादलित परिवारों की प्यास बुझती है। महादलितों की समस्या पर पेश है अलीगंज से चंद्रशेखर सिंह की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट:-
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ऐसे तो पीने के पानी के लिए इस भीषण गर्मी में हर लोग परेशान दिख रहा है। प्रखंड के हर गांव में जल स्तर तेजी से खिसक रहा है। चापाकल लगभग फेल हो चुका है। प्रखंड के कोदवरिया पंचायत के कोदवरिया गांव के महादलित टोला में सौ परिवार से भी ज्यादा लोग निवास करते हैं, जिसमें तीन चापाकल में से दो से पानी निकलना बंद हो गया है, और एक महादलित सामुदायिक भवन के समीप से सौ परिवार की प्यास बुझ रही है, जिसमें सुबह से ही लाईन लगी रहती है। ग्रामीण विजय रविदास,सुनील दास,नगीना रविदास, नारायण रविदास, चंपा देवी,कौशिलया देवी आदि ने बताया कि सौ महादलित परिवार की मात्र एक चापाकल से अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। जिसमें सुबह से ही अपनी बर्तन रखकर लाईन लगा देते हैं। इस चापाकल में भी बहुत कम पानी गिरता है।जिससे पानी भरने में लोगों को घंटों मशक्कत करना पड़ता है। भाकपा माले अंचल सचिव कामरेड महेंद्र यादव , समाजसेवी शशिशेखर सिंह 'मुन्ना' ने बताया कि इस बार लोगों को पानी के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस महादलित टोला में सौ परिवार से भी ज्यादा लोग निवास करते है और एक चापाकल से पानी लेकर अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं। सुबह से लंबी लाईन लगी रहती है। हम आगे तो हम आगे जैसी होड़ देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि खराब पड़े चापाकल की मरम्मत के लिए कई बार पीएचईडी विभाग को भी कहा गया लेकिन कोई सकारात्मक प्रयास विभाग अधिकारियों द्वारा आज तक नही किया गया है। लोगों ने कहा कि अगर एक सप्ताह में चापाकल की मरम्मत नही कराई गई तो वे लोग आंदोलन पर उतर जाएंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि पीएचईडी के कनीय अभियंता के द्वारा चापाकल मरम्मत कराने के लिए आज कल कहकर रोज टाल मटोल किया जा रहा है। एक चापाकल से लोग अपनी प्यास बुझा रहे हैं, लेकिन वह भी कब पानी उगलना बंद कर देगा,कहना मुश्किल है।