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जमुई : KYP के घोटालेबाज पर एफआईआर, फरार आरोपी नहीं हुआ गिरफ्तार

 [न्यूज डेस्क | अभिषेक कुमार झा]

बिहार सरकार के सात निश्चय योजना अंतर्गत चल रहे कौशल विकास केन्द्र सूबे के युवाओं के लिए मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है। वहीं दूसरी ओर सरकार के इस महत्वकांक्षी योजना में आने वाली अनियमितता सैंकडों युवाओं के लिए सरदर्द बना है।
जमुई के बोधवन तलाव स्थित एनजीओ जिलेनियम टेक्नोलॉजी एलएलपी को भी कुल छ: एसडीसी संचालन की जिम्मेदारी मिली थी। पाठकों को बता दें कि, हाल ही में 94 लाख रूपये गबन के मामले को लेकर सूर्खियों में आए उक्त एनजीओ के निदेशक ने बेरोजगार युवकों के साथ धोखाधड़ी कर अनियमितता से संबंधित खबर को सबसे पहले gidhaur.com ने आप तक पहुंचाया था।


इस एनजीओ के निदेशक द्वारा कुछ युवकों को यह कहकर अपने साथ जोड़ा कि संचालित करने के लिए दिए गये 6 एसडीसी का संचालन निर्धारित रूप से इन युवकों को ही करना है। अपने बातों में बरगलाकर एसडीसी संचालन हेतु निदेशक ने इन्हीं युवकों की जमा पूंजी का इनवेस्ट कराया था। फिर जब राशि पेयमेन्ट में निदेशक द्वारा आनाकानी किये जाने पर   बात-विवाद हुआ तो मामला जमुई डीएम धर्मेन्द्र कुमार तक पहुँचा और इन युवकों के लिखित आवेदन पर जिलाधिकारी ने टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे। इसी दौरान सरकारी राशि के ह्रास को देखते हुए जिलेनियम टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित उक्त 6 एसडीसी को प्रसाशनिक तौर पर बंद करा दिया गया। 
अंदरूणी तौर पर जब बात- विवाद आगे बढ़ा, इसी दौरान डीआरसीसी के जिला प्रबंधक गजेन्द्र कुमार ने पत्रांक 95 के माध्यम से जिलाधिकारी महोदय को इस संदर्भ में पत्र लिखा था। इसके अमल पर आदर्श थाना जमुई में दिनांक 14/9/2018 को 4:30 बजे एफ आइ आर संख्या 497/18 दर्ज कर धारा 406, 409, 420, एवं 34 लगाया। इस केस के आइ.ओ. जमुई थाना के ए.डी. शर्मा को बनाया गया था। 

आज तकरीबन दस दिन बीत जाने के बावजूद भी जिलेनियम टेक्नोलॉजी के निदेशक श्रीमती पूजा कुमारी एवं उनके पति मुकेश कुमार कानूनी पकड़ से बाहर हैं और इधर प्रशासन कुंडली मारकर बैठी है। प्रशासन के इस लापरवाही से बंद पड़े सभी 6 सेंटर संचालकों में असंतोष व्याप्त है वहीं दूसरी ओर को प्रमाण पत्र नहीं मिलने से आक्रोशित प्रशिक्षुओं का भविष्य अधर में लटका हुआ दिखाई पड़ रहा है। मामले के रस्साकस्सी में उलझे प्रशिक्षुओं ने बिहार कुशल युवा प्रोग्राम के प्रति नाराजगी भी व्यक्त की है। इधर केंद्र संचालकों को प्रतिदिन सैकड़ों प्रशिक्षुओं का फोन आने से किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में आ गए हैं, जिसका सुधी लेने वाला फिलहाल कोई नजर नहीं आ रहा। वे लोग अपने प्रशिक्षुओं को केवल सांत्वना देते हुए कहते हैं कि सभी केंद्र डीएम के द्वारा बंद किया गया है, जिलाधिकारी के आदेश पर ही केन्द्र को पुनः खोला जाएगा।

खैर मामला जो भी हो, फिलहाल प्रशासनिक शिथिलता से संचालकों को ऐसा प्रतीत होने लगा है कि जिलेनियम टेक्नोलॉजी द्वारा सुरमाओं को प्रसन्न करने के लिए इनके हाथ पर कुछ वजन रख दिया गया है।