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जमुई : युवाओं को कुशल बनाने की आड़ में इस NGO ने डकारे 94 लाख रूपये


[न्यूज डेस्क | अभिषेक कुमार झा]

बिहार में सृजित नए-नए सरकारी योजनाओं का उद्देश्य राज्य में विकास की धारा प्रवाहित करना होता है। इन सरकारी कामकाजों में सहूलियत व योजनाओं का त्वरित लाभ आम जन तक पहुँचाने के लिए विभाग द्वारा अनेक माध्यम बनाए जाते हैं, जहाँ युवाओं की भीड़ लगी रहती है। पर जब नीजि स्वार्थ और छल-कपट इन महत्वपूर्ण योजनाओं का बाधक बनने लगे तो राज्य के विकास पर ग्रहण लगने लगता है। बिहार के जमुई जिले का कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है, जहां जिलेनियम टेक्नालॉजी एलएलपी नामक एनजीओ द्वारा दर्जनों व्यक्ति धोखाधड़ी और ठगी के शिकार हो गये हैं।

» क्या है मामला

दरअसल, बिहार सरकार के सात निश्चय योजना अंतर्गत आने वाले कुशल युवा कार्यक्रम(केवाईपी) केन्द्र के लिए जमुई के जिलेनियम टेक्नोलॉजी LLP नामक एनजीओ से 6 SDC की स्वीकृति मिली थी।
उक्त संस्था के निदेशक मुकेश कुमार (पिता- चन्द्रिका साह) थे जो वर्तमान में श्री कुमार के पत्नी पूजा कुमारी का है। धोखाधड़ी के शिकार हुए युवक निदेशक के अधीन भीएलई का कार्य करते थे।  इस दौरान उन्हें पता चला कि सी.एस.सी. (काॅमन सर्विस सेन्टर) के तहत एक अच्छा सर्विस आया है जिसमें मैट्रिक एवं इंटर उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान करना है, और इस केंद्र को संचालित करने में 8-10  लाख रूपये का इनवेस्टमेंट है। निदेशक श्री कुमार द्वारा युवकों को बताया गया कि तीन माह के प्रशिक्षण के एवज में सरकार द्वारा दी गई राशि सीधे उनके(आवेदक) खाते में ही जाएँगे।
तमाम कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद निदेशक द्वारा प्रस्तावित स्थानों पर किराया लेकर पीड़ितों ने केन्द्र संचालन आरंभ किया। जो क्रमशः जिले के खैरा प्रखंड अंतर्गत बोल्लोपुर, लक्ष्मीपुर प्रखंड, महादेव सिमरिया,सिकंदरा एवं झाझा अंतर्गत सिमुलतला एवं बोड़वा में एसडीसी के रूप में स्थित है।  उक्त केन्द्रों में पीड़ित युवकों द्वारा तमाम सेट-अप कर नियमानुसार प्रत्येक केन्द्र में 3-3 कर्मियों की नियुक्ति की।
हाल ही, पटना के एक नीजि होटल में विभागीय बैठक का आयोजन हुआ जिसमें पीड़ितों को पता चला कि उक्त 6 एसडीसी केन्द्र आवेदक के नाम पर नहीं बल्कि जिलेनियम के नाम पर है। फिर भी इलाके की जरूरत और सरकार के महत्वपूर्ण योजना को ध्यान में रखते हुए पीड़ितों ने आपसी बैठक कर केंद्र का संचालन शुरू कर दिया। तीन माह के प्रशिक्षणोपरान्त जब सरकारी राशि जिलेनियम टेक्नोलॉजी के खाते में आई तो संस्था के निदेशक  मुकेश कुमार ने कमीशन का तर्क-वितर्क देते हुए तीस प्रतिशत की कटौती पर उक्त 6 केन्द्रों पर राशि की भुगतान की गई। विरोध जताने पर उक्त संस्था द्वारा 6 केन्द्रों के पेयमेन्ट चार माह तक रोक दिए गये। जिससे केन्द्र संचालकों मानसिक और आर्थिक तनाव उत्पन्न हो गया।

» पदाधिकारियों को दी गई लिखित सूचना

इसके पश्चात, सरकार की एक बड़ी राशि का गबन होता देख आर्थिक तंगी से जूझ रहे उक्त 6 SDC संचालकों द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री, श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव,  BSDM मैनेजर पटना, एवं जमुई जिला अधिकारी समेत संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को इस मामले की सूचना ई-मेल एवं लिखित रूप से दी गई। युवकों की शिकायत पर डीएम धर्मेंद्र कुमार ने मामले की जांच करने के लिए टीम गठित करने का आश्वासन दिया। वहीं आज दो सप्ताह बीत जाने के उपरांत शेष किसी भी विभाग से उक्त संदर्भ में किसी भी प्रकार की प्रतिउत्तर पीड़ित आवेदकों प्राप्त नहीं हुआ।
बता दें कि, उक्त 6 एसडीसी के संचालन में लागत एवं प्रशिक्षण के एवज में भुगतान की बकाया राशि मिलाकर कुल 94 लाख रूपये के गबन कर लेने की बात कही जा रही है।

» जन प्रतिनिधियों से मिलता है सिर्फ आश्वासन

  आर्थिक तंगी में आकर एसडीसी संचालकों ने विभागीय उदासीनता को देखते हुए 06/08/2018 से केन्द्र का संचालन बंद कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी दरवाजा खटखटाया। फिर कवायद तो कई किए गये पर उन दरवाजों से सिवाय आश्वासन के आवेदकों के हाथ बस मायूसी लगी।

» एसपी को ज्ञापन सौंप, जिलेनियम टेक्नोलॉजी के निदेशक के विरुद्ध कार्रवाई की लगाई गुहार

इधर, जमुई स्थित एनजीओ जिलेनियम टेक्नोलॉजी LLP द्वारा धोखाधड़ी कर राशि गबन करने के संबंध में राजेश यादव, दिलीप कुमार दास, संजीव कुमार सिंह आदि पीड़ित केन्द्र संचालकों ने जमुई पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में 24/08/2018  को लगे जनता दरबार में संदर्भ संख्या P-3067/ज.द. के माध्यम से भी आवेदन देकर मदद की गुहार लगाई।