गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 12 अक्टूबर 2024, शनिवार | सुशांत साईं सुंदरम : सप्तमी-अष्टमी की मध्यरात्रि बीते गुरुवार को गिद्धौर के नागी नकटी एवं उलाई नदी के संगम तट पर स्थित करीब सात शताब्दी वर्ष पुराने चंदेल राज रियासत द्वारा स्थापित दुर्गा मंदिर में ढोल की थाप एवं माता के जयकारों के साथ निशा पूजा एवं प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई।
आदिकाल से चले आ रहे परम्परा और विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ देवघर से आये विद्वान पंडित महेश्वर जी महाराज एवं उनके सहयोगियों ने पूजन कार्यक्रम प्रतिपादित करवाया। जानकारी अनुसार बिहार में केवल दो जगहों पर तांत्रिक रिवाज से माता के पूजा का प्रचलन है, एक गिद्धौर और दूसरा दरभंगा।
पंडितों ने सभी नियम से कलश स्थापित कर देवी का आह्वान करते हुए प्रतिमा में प्राण-प्रतिष्ठा की। प्राण प्रतिष्ठा पूजन के साथ देवी के अस्त्र-शस्त्रों की पूजा की गई। इसके पूर्व देवी को करीब ढाई किलो के वजन वाले रत्नजड़ित मुकुट से सुशोभित किया गया। प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान माँ शेरावाली के साथ देवी लक्ष्मी, सरस्वती, भगवान् शिव, कार्तिकेय एवं गणेश का भी आह्वान किया गया।
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