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गिद्धौर में अजर-अमर सुहाग के लिए हर्षोल्लास के साथ मनाया गया हरतालिका तीज

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 7 सितंबर 2024, शनिवार : गिद्धौर प्रखंड भर में हरतालिका तीज श्रद्धापूर्वक मनाया गया। यह बिहार का मुख्य त्योहार है इस त्यौहार में महिलाएं अपने पति के लिए व्रत करती हैं और 24 घंटे का उपवास रखती हैं। भगवान शिव, माता पार्वती, श्री गणेश, विष्णु, लक्ष्मी की प्रतिमा बनाई जाती है। सभी देवी देवताओं को पूजा अर्चना किया जाता है यह त्यौहार भादो माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। हरतालिका तीज कुंवारी कन्या और सुहागिन महिलाओं दोनों लाल वस्त्र धारण कर पूजा आराधना करती है।
कुंवारी कन्या माता पार्वती को लाल वस्त्र धारण सिंदूर देती है जबकि सुहागिन महिला शिव और पार्वती की विधिवत्त पूजा अर्चना करती है। उनके भोग के लिए फल भांग पेड़ा मकई खीरा के अलावे सजने संवरने के लिए सिंगार चढ़ाती है 24 घंटा के उपवास में महिलाएं अंन्न तो दूर जल तक नहीं पीती है। निर्जला उपवास रखकर महिला अपनी मन्नत पूरी के लिए भगवान शिव पार्वती से मनोकामना करती है।गिद्धौर प्रखंड के गांव कस्बे में बड़े धूमधाम से हरतालिका तीज मनाया गया। महिलाएं व कुमारी लड़कियां अपने-अपने घरों में भगवान शिव और पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा अर्चना किया गया।
शिल्पी वर्णवाल ने कहा -
आज तीज है और हमलोग निर्जला उपवास करते हैं और पति की लंबी उम्र की कामना करते हैं। इस व्रत की परंपरा सदियों से चली आ रही है। जहाँ हर घर में सुहागनों द्वारा यह व्रत रखा जाता है और बिना अन्न जल के उपवास में रहते है। इस वर्ष गर्मी की काफी है फिर भी नियम के अनुसार हमलोग व्रत रखते हैं।
वहीं अंजू कुमारी ने कहा -
अपने-अपने घरों में अपने पति की रक्षा व सुहागिन रहने के लिए निर्जला व्रत किया जाता है। माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए निर्जला व्रत कर पति के रूप में पाया। आज पति के रूप में शिव को पाने के उपरांत में सभी महिलाएं हरतालिका तीज व्रत करती हैं।

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