जमुई/बिहार। जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने व्यवहार न्यायालय स्थित न्याय सदन के प्रशाल में अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर लोगों को इससे दूर रहने के लिए शपथ दिलाई गई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि नशा का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके सेवन से व्यक्ति कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाता है। साथ ही नशा परिवार एवं समाज के विघटन का प्रमुख कारक बनता है। इसलिए मानव जीवन को सफल एवं सार्थक बनाने के लिए संतुलित आहार लें और सद्गुणों को विकसित कर स्वच्छ और सुंदर समाज बनाएं। उन्होंने लोगों से नशा का सेवन नहीं करने तथा दूसरों को भी नशा से दूर रहने के लिए प्रेरित करने को कहा। नशा से तौबा करें , जिंदगी बचाएं। अपने बच्चों के भविष्य को देखें और इससे दूर रहें। उन्होंने नशा मुक्त समाज के निर्माण के लिए हर संभव प्रयास किए जाने की अपील की।
सचिव राकेश रंजन ने कहा कि भारत की संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए नशे पर मिलकर रोक लगाने की जरूरत है। अब तो है बस यही सपना है कि जमुई के साथ भारत नशा मुक्त हो। इसके लिए खुद को जगा दो और नशे को भगा दो। इसे जो अपनायेगा वह जीवन भर पछतायेगा। उन्होंने सभ्य समाज के निर्माण के लिए नशा को "ना" कहने का संदेश दिया।
कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश विकास कुमार , पवन कुमार , संजीव कुमार , संजय कुमार सिंह , अतुल सिन्हा , अमरेंद्र कुमार , कुमार प्रभाकर , अमन पापनाई , सत्यम जी , भाविका सिंह , संगीता कुमारी , नाजिया खान , निहारिका सिंह , अनुभव रंजन समेत अधिकांश न्यायिक पदाधिकारी और कर्मी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कार्यक्रम के अंत में नशीली दवाओं के दुरुपयोग एवं इससे बचने के लिए उपस्थित लोगों को शपथ दिलाया और उनका इस मामले वे क्षमतावर्धन किया।
उधर मंडल कारा में भी अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। पैनल अधिवक्ता सतीश प्रसाद एवं पीएलवी रवि कुमार ने बंदियों को नशा से होने वाली हानि की जानकारी दी और उन्हें इससे दूर रहने के लिए प्रेरित किया।