गिद्धौर में पारंपरिक तरीके से हुई भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 29 सितंबर 2023 : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में गुरूवार को अनंत चतुर्दशी पर पूजन कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रखंड मुख्यालय स्थित बाबा बूढानाथ मंदिर, दुर्गा मंदिर एवं पंचमंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इस दिन प्रातः काल से ही स्नान कर और स्वच्छ वस्त्र धारण कर मुख्य रुप से भगवान विष्णु की पूजा अनंत चतुर्दशी के रूप में की जाती हैं और अनंत चतुर्दशी व्रत को महिला एवं पुरुष दोनों ही श्रद्धापूर्वक के साथ करते हैं।

इस पर्व को लेकर घर एवं मंदिरों में भी भगवान विष्णु की कथा वाचन श्रवण ब्राह्मणो के द्वारा सुनते हैं। 14 गांठ के अनंत सूत्र को रखकर उसकी पूजा के साथ रोली, चंदन, पुष्प, फल, खीरा, गाय का दूध, पंचामृत, मौली आदि अर्पण कर अनंत सूत्र धारण करने का मंत्र का उच्चारण कर भक्त अपने बाजू में इस सुत्र को बांधते हैं।
महिलाएं व्रत को सुख, समृद्धि, सौभाग्य के लिए और पुरुष ऐश्वर्या की प्राप्ति के लिए व्रत को करते हैं। इस दिन श्रद्धालु ब्राह्मणों के बीच दान भी करते है। जगह-जगह ब्राह्मणों के द्वारा महिलाओं के बीच भगवान विष्णु की अनंत कथा को सुनाया जाता हैं। वहीं मुख्य बजार स्थित बाबा बूढ़ानाथ मंदिर, दुर्गा मंदिर एवं पंचमन्दिर में दर्जनो ब्राह्मण बैठकर अलग-अलग जजमान को पुजा कराये। वहीं पंडित राजीव प्रभाकर उर्फ दीपू पांडेय,कर्पूरी पांडेय, उत्तम झा ने यजमानों को कथा के माध्यम से बताया कि हिंदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व हैं।

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रुप की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन लोगों को बिना नमक का भोजन करना चाहिए।

पंडित उत्तम झा ने बताया कि अनंत चतुर्दशी पर शुभ मुहूर्त में पूजा करने से हर प्रकार की परेशानी और जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। अनंत अर्थात जिसके ना आदि का पता है और ना ही अंत का, अर्थात वे स्वयं श्री नारायण हैं। आज के दिन भगवान विष्णु के नाम से व्रत रखकर, उनकी पूजा करके अनंत सूत्र बांधने से समस्त बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

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