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Sunday, 17 September 2023

त्योहार! 17 सितंबर को 11:08 से शुरू होगी तृतीया, जो 18 को दोपहर 12:39 तक रहेगी

गिद्धौर/जमुई (Gidhaur/Jamui), 17 सितंबर 2023 : प्रखंड क्षेत्र में तीज की तैयारी शुरु हो गयी है।सनातन धर्म में तीज व्रत का सर्वाधिक महत्व है।वैसे तो साल में कई तीज व्रत होते है।लेकिन,भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत बड़ी संख्या में महिलाएं करती है।इस साल व्रत 18 सिंतबर को रखा जाएगा।

गिद्धौर प्रखंड के सिमेरीया गांव निवासी सच्चिदानंद मिश्रा ने बताया कि पंचांग के अनुसार 17 सितंबर को 11 बजकर 8 मिनट से तृतीया तिथि शुरु होगी,जो अगले दिन यानी 18 सिंतबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक रहेगी।ऐसे में उदया तिथि के अनुसार से यह व्रत 18 सिंतबर को ही रखा जाएगा।18 सिंतबर को सुबह 6 बजे से रात 8 बजकर 24 मिनट तक का समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए उपयुक्त है।लेकिन शाम को प्रदोष काल के समय पूजा करना बेहद अच्छा माना जाता है।

सनातन धर्म मे मुख्य रूप से तीन तीज का पर्व का विधान है।जिसमें हरियाली तीज,हरतालिका तीज और कजरी तीज होते है।तीज व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत करती है।उन्होंने कहा कि इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी दीर्घायु के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती है।कुंवारी कन्याए भी अच्छा वर पाने के लिए तीज व्रत रखती है।
इस दिन विधि विधान पूर्वक भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा आराधना की जाती है। मान्यता है कि माता पार्वती ने ही हरतालिका तीज का व्रत करके भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त किया था।

हरतालिका तीज व्रत को लेकर कपड़ा व मनिहारी दुकानों पर महिलाओं की खूब भीड़ देखी जा रही है।खरीदारी को लेकर महिलाएं बाजार पहुंच रही है हरतालिका तीज व्रत को लेकर साड़ी की बिक्री बढ़ गई है।इसके अलावे जनरल स्टोर की दुकानों पर तीज व्रत को लेकर चूड़ी,बिंदी,लहठी,मेहंदी,सिंदूर आदि की ब्रिकी बढ़ गयी है।

सुहागिन महिलाएं 24 घंटे रखती है निर्जला व्रत
हरतालिका तीज व्रज करने वाली महिलाएं शाम को भगवान शिव पार्वती की पूजा के बाद रात भर जगा कर भजन संध्या करती है।भगवान के नाम का जाप करती है,और सुबह में सूर्योदय के बाद पुनः पूजा कर व्रत तोड़ती है।24 घंटा का निर्जला व्रत ररवकर महिलाएं अपनी पति की उम्र लंबी,उम्र दीर्घायु की कामना करती है।ऐसी मान्यता है कि यह व्रत रखने वाली महिलाओं को करवा चौथ व्रत का भी फल मिलता है।

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