जमुई : उर्दू के प्रति जागरूकता के लिए फरोग-ए-उर्दू सेमिनार एवं मुशायरा का हुआ आयोजन - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

A venture of Aryavarta Media

Post Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, 30 November 2022

जमुई : उर्दू के प्रति जागरूकता के लिए फरोग-ए-उर्दू सेमिनार एवं मुशायरा का हुआ आयोजन

जमुई (Jamui), 30 नवंबर : जमुई में उर्दू भाषा के प्रति जागरूकता के लिए शुक्रदास भवन (झाझा बस स्टैंड के समीप) में बुधवार को फरोग-ए-उर्दू सेमिनार एवं मुशायरा का आयोजन किया गया। जिला भूअर्जन पदाधिकारी ओम प्रकाश महतों, एडीएम सत्येंद्र कुमार मिश्र, जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिलदेव तिवारी, बीडीओ श्रीनिवास, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. गजाली अनवर ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी सह उर्दू भाषा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी आर. के. दीपक ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय से अवगत कराया और इस भाषा के तेजी से विकास पर बल दिया। 
    
जिला भूअर्जन पदाधिकारी ने कहा कि आप भली - भांति जानते हैं की उर्दू बिहार सरकार की द्वितीय राजभाषा है। सरकार की भाषा नीति के अंतर्गत ही यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। सरकार चाहती है कि आप उर्दू भाषी और उर्दू प्रेमी इस भाषा का आम बोल-चाल के साथ लिखने-पढ़ने में उपयोग करें। इसके माध्यम से आला तालीम हासिल करें। इसको व्यावसायिक भाषा बनाएं। जिला प्रशासन की ख्वाहिश है कि आप आगे आएं और इस भाषा को मंजिल तक पहुंचा कर जिला का नाम रोशन करें।
एडीएम ने उर्दू भाषा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक मीठी जुबान है। यह भाषा अपनी उत्तपत्ति से लेकर आज तक भारतीय सभ्यता और संस्कृति को प्रभावित कर रहा है। भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को सजाने - संवारने में उर्दू भाषा की अहम भूमिका है। सरकार और प्रशासन इसके फरोग के लिए कटिबद्ध है। 
      
सेमिनार में कई विद्वत जनों ने हिस्सा लिया और उर्दू के महत्व को परिभाषित करते हुए इसके बड़े पैमाने पर प्रचार - प्रसार की जरूरत बताई। कार्यक्रम के दरम्यान उर्दू भाषा से सम्बंधित पुस्तक का विमोचन किया गया। अतिथियों ने किताब को उर्दू के विकास के लिए महत्वपूर्ण करार दिया।
    
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुशायरा का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध शायर और लेखक मो. एकराम ने मुशायरा में अपनी प्रस्तुति दी और खूब तालियां बटोरी। इसी संदर्भ में कवियत्री प्रतिमा यादव की दहेज एक सामाजिक बुराई विषय पर प्रस्तुति को भी उपस्थित जनों ने खूब सराहा वहीं नदनी आजमी की शराब सभी बुराइयों की जड़ से सम्बंधित उद्बोधन भी सराहनीय रहा।
शायर और लेखक शाहिद अनवर का शिक्षा विषय पर कथन भी सामयिक लगा। देर शाम तक शेरो-शायरी का दौर चला, जिसका लोगों ने जमकर लुफ्त उठाया। शायर शहाब नोमानी और रफीक फुलपुरी की रचना भी रोचक रही।

इस अवसर पर सगीर अहमद, मो. महफूज , मो. असलम समेत बड़ी संख्या में महिला-पुरूष उपस्थित होकर कार्यक्रम को गरिमा प्रदान किया और इसे सफल बनाया।

Post Top Ad