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बुधवार, 12 अक्टूबर 2022

जमुई : डीएम ने बरनार जलाशय योजना के निर्माण स्थल का किया निरीक्षण

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सोनो/जमुई (Sono/Jamui), 12 अक्टूबर : बरनार जलाशय योजना के निर्माण की दिशा में एक बार फिर सुगबुगाहट दिखने लगी है। ऐसा लग रहा है कि पांच दशकों से भी अधिक समय से अपने निर्माण की बाट जोह रहा इस योजना का दिन अब बदलने वाला है।
     
जिला कलेक्टर अवनीश कुमार सिंह के नेतृत्व में पदाधिकारियों की टीम सोनो प्रखंड अंतर्गत कटहराटांड़ गांव के समीप बहने वाली बरनार नदी पर बनने वाले इस जलाशय योजना का स्थल निरीक्षण किया और इसके निर्माण कार्य में उत्पन्न बाधाओं को दूर करने के लिए गहन चर्चा की।

उन्होंने इस संदर्भ में बताया कि सिंचाई के उद्देश्य को लेकर बरनार नदी पर 285 मीटर लंबा और 74 .06 मीटर ऊंचा कंक्रीट डैम का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। इसके लिए जल संसाधन विभाग करीब 1400 एकड़ भूमि वन विभाग को हस्तांतरित करेगा। इस कड़ी में करीब 800 एकड़ भूमि का हस्तांतरण किया जा चुका है और लगभग 600 एकड़ भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है। इस कार्य को 02 - 03 माह में पूरा कर लिया जाएगा। डीएम ने सम्बंधित अधिकारियों को इस दिशा में  कारगर पहल किए जाने का निर्देश दिया।
     
समाहर्त्ता ने बताया कि बरनार जलाशय योजना अत्यंत महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है। इस योजना का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद सोनो, झाझा, गिद्धौर, खैरा और लक्ष्मीपुर प्रखंड के तीन लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा और उनके खेतों में हरियाली दिखेगी।

बरनार जलाशय योजना से जहां 19433 हेक्टेयर खरीफ फसल की सिंचाई सुनिश्चित होगी वहीं 3239 हेक्टेयर रबी फसल को भी सुलभता के साथ जल मिल सकेगा। उन्होंने अधिकारियों को इस योजना के तहत जल विद्युत उत्पादन प्लांट इंस्टॉलेशन की संभावना को भी तलाशने का निर्देश दिया।
     
जिलाधिकारी के खास पहल के बाद बरनार जलाशय योजना के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इसके निर्माण हो जाने के बाद तीन लाख से अधिक किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात मिलेगी वहीं हजारों हेक्टेयर भूमि में लहलहाती फसल भी नजर आएगा।
उधर डीएम के द्वारा जलाशय स्थल का निरीक्षण किए जाने के बाद किसानों के साथ ग्रामीणों की आशाएं जागृत हुई है। सभी जन जिलाधिकारी को उम्मीद भरी निगाहों से देखने लगे हैं।
   
सर्वविदित है कि स्मृतिशेष केंद्रीय मंत्री डी. पी. यादव ने 1974 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी।08.33 करोड़ की प्राक्कलित राशि से इस जलाशय योजना का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हुआ। कार्य को तेजी से जारी रखने के लिए बटिया में अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता का कार्यालय भी खोला गया। वर्ष 2000 में बिहार सरकार ने मंत्रिमंडल में फैसला लेकर इस परियोजना को बंद कर दिया। यह परियोजना तभी से अधर में लटका हुआ है।
इधर जनप्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों का मानना है कि इसके निर्माण से जिले की हजारों एकड़ भूमि में हरियाली छा जायेगी। इस परियोजना से विद्युत उत्पादन का भी लक्ष्य पूरा हो सकेगा। बरनार जलाशय योजना का बांध दो पहाड़ी चोटियों को आपस में जोड़कर बनाया जाना है।

जब दो पहाड़ी चोटियों के बीच अथाह जल संग्रह होगा तो वहां पर बड़ा ही मनोरम दृश्य होगा जो कि पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करेगा। जनप्रतिनिधियों ने इस जलाशय योजना को प्राथमिकता के तौर पर पूरा किए जाने की जरूरत बताई है।
     
अपर समाहर्त्ता सत्येंद्र कुमार मिश्र, वरीय उप समाहर्त्ता शशि शंकर, डीसीएलआर मो. शिवगतुल्लाह समेत कई अधिकारी स्थल निरीक्षण के समय उपस्थित थे।

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