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आईपीएस विकास वैभव ने खींच दी है बिहार में बदलाव की बड़ी लकीर



पटना, 25 अगस्त। अगर आपके अंदर सकारात्मक उर्जा हो तो जीवन में विकास वैभव बनने की कोशिश कीजिए। जो समकालीन प्रेरित करने वाले व्यक्तित्व में सर्वश्रेष्ठ है, जो व्यक्ति निष्कपट निष्काम निर्विघ्न निडर है, जिनके आदर्श दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं, जो ईमानदारी की मिसाल है, जिसके वाणी में ओज है, चेहरे पर तेज है, जो बिहार के वैभव को फिर से वापस लौटाने के लिए 'आइए प्रेरित करें बिहार' अभियान जैसे एक भागीरथ प्रयास को सकारात्मकता प्रदान कर रहे हैं।


जो ना नेता हैं, ना अभिनेता हैं, पर लोकप्रियता में बिहार में नंबर वन के पायदान पर हैं। एक ऐसा व्यक्तित्व जिन से मिलने के बाद आपके जीवन की दशा और दिशा जरूर बदल जाती है। आपके जीवन से नकारात्मकता दूर हो जाती है। आप सकारात्मक हो जाते हैं। आपके अंदर यह आत्मबल जग जाता है कि आप किसी विशेष कार्य के लिए इस धरती पर हैं और आप समाज को परिवार को खुद को एक बड़ी सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।


कई बार प्रतिभा कूट-कूट कर होने दृढ़ इच्छाशक्ति होने कठिन परिश्रम करने के बावजूद इंसान हार जाता है, मंजिल को प्राप्त नहीं करता है। क्योंकि उसकी प्रतिभा, उसका कठिन परिश्रम लक्ष्य के करीब जाकर सकारात्मक दिशा से भटकता रहता है और यह भटकाव एक कुशल प्रेरक के अभाव में होता है।


आप अपने बचपन में अपने माता-पिता की प्रेरणा से आगे बढ़ते हैं। फिर शिक्षक आपके प्रेरक होते हैं और उसके बाद जीवन में कोई ऐसा व्यक्ति होता है जिसकी प्रेरणा से आप अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते है।


कुशल सेनानायक के अभाव में बडी सेना भी युद्ध हार जाती है। जबकि सेना की छोटी-छोटी टुकड़ी कुशल सेनापति के नेतृत्व में युद्ध जीत जाती है। इतिहास के पन्नों को पलटेंगे तो ऐसी अनेकों घटनाओ से रूबरू होंगे। आज के संदर्भ में बिहार में बदलाव को लेकर जिस से चर्चा कीजिए वह नकारात्मक से भरा हुआ है। उसे लगता है कि जात-पात से बिहार ऊपर नहीं हो सकता। भाई-भतीजावाद भरा हुआ है। पैरवीपुत्रों की चलती है। सकारात्मक बदलाव सभी चाहते हैं पर पहल कोई नहीं करना चाहता।


सभी चाहते हैं कि भगत सिंह हों, महात्मा गांधी हों, खुदीराम बोस हों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारी हों, पर उनके घरों में नहीं उनके पड़ोसी के घर में हो। ऐसे दौर में चिंता नहीं, चिंतन के दम पर बिहार में बिहार के ऐतिहासिक गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेकर बदलाव की लकीर खींचने की पहल कर चुके चर्चित आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के अभियान 'आईए प्रेरित करें बिहार' ने आशा की नई किरण दिखाइ है।


शिक्षा, समता और उद्यमिता तीन विषयों को लेकर एक बड़े जन आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है। यह पूरी तरह से गैर राजनैतिक अभियान है, जिसमें बिहार के सभी जागरूक लोग जुड़ सकते हैं और बदलाव की पहल कर सकते हैं। सोशल मीडिया को इस अभियान का हथियार बनाया गया है।


बिहार के 38 जिलों और दो पुलिस जिलों में 'आइए प्रेरित करें बिहार' के जिला, अनुमंडल व प्रखण्ड स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया है। इस अभियान में सम्मिलित होने वाले सभी को बराबर का अधिकार है। सभी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की पहल करेंगे। संगठित होकर कार्य करेंगे और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। नेतृत्वकर्ता बिहार के ऐसे चर्चित आईपीएस अधिकारी हैं, जिनकी जन्म भूमि और कर्म भूमि बिहार है। जिनकी ईमानदारी पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। जिनकी वाणी में ओज है, चेहरे पर तेज है, लेखनी में प्रखरता है।


बगहा जैसे मिनी चंबल को समाप्त करने तथा रोहतास के ऐतिहासिक किले को नक्सलियों से मुक्त कराकर तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड जिनके नाम है। विकास वैभव आज की तारीख में व्यक्ति नहीं एक विचारधारा बन चुके हैं और उनकी यह सकारात्मक विचारधारा बिहार के युवाओं के दिलों में बदलाव की बड़ी उम्मीद जगा चुकी है।


बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में युवा संवाद का आयोजन हो रहा है। जिसमें यह खुद युवाओं से संवाद स्थापित कर रहे हैं। आने वाले समय में इस अभियान के सकारात्मक परिणाम व्यापक पैमाने पर नजर आने लगेंगे


स्थापना के एक वर्ष के अंदर ही कई सारे बड़े बदलाव हुए कई बड़े शिक्षण संस्थानों ने निर्धन सह मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए नि:शुल्क आईआईटी, मेडिकल, यूपीएससी, बीपीएससी की कोचिंग की सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रारंभ कर दिया है।

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