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Wednesday, 9 June 2021

सिमुलतला का अनोखे स्वाद वाला आम बिहार-झारखंड में है मशहूर

Jamui / जमुई (बिभूति भूषण).:-

सिमुलतला में कई ऐसी खास चीजे हैं,जो लोगों को इस ओर आकर्षित करती है। जैसे कि सिमुलतला स्थित प्रकृति की मनोरम वादियां, यहां स्थित देश के जाने माने हस्तियों के बंगले, सिमुलतला आवासीय विद्यालय के रूप में देश का नम्बर वन सरकारी विद्यालय, सिमुलतला का छेनामुरकी. इसके अलावे भी सिमुलतला की एक चीज जो पूरे बिहार झारखंड में बहुत की मशहूर है वो है सिमुलतला के अनोखे स्वादों वाला आम। इन दिनों सिमुलतला में आम की धूम मची है बिहार एवं झारखंड के अन्य स्थानों से लोग आते है और गाड़ियां भरकर आम ले जाते है।

[ सिमुलतला के आमों में क्या है खास ]- 

जिस प्रकार से मुजफ्फरपुर की लीची पूरे देश में मशहूर है उसी प्रकार सिमुलतला का आम मशहूर है।यहां के आमों की खास बात यह है कि आम के बगीचों में मंजर से लेकर पकने तक के स्टेज तक इसकी खुशबू ही हमेशा इसके खूबियों का ऐहसास करता रहता है। फिर पकने के बाद इसके स्वादों का तो जवाब ही नही। एक ही प्रजाति के दूसरे स्थानों के आमों की तुलना यदि सिमुलतला के आमों से किया जाय तो दोनों में काफी फर्क होता है। सिमुलतला के आमों के स्वादों एवं खुशबू की तुलना में दूसरे स्थानों के आम फीका पड़ जाता है. यहां के आमों को खास होने का एक खास कारण यह भी है कि यहां की मिट्टी आम के फलों के लिए उत्तम है और यही खासियत है कि हर वर्ष देश के अन्य गांवों, शहरों एवं  प्रान्तों में बसे सिमुलतला वालों के रिस्तेदारों के घर यह आम एक संदेश के रूप में पहुंचता है।इतना ही नही जिस किसी ने भी एक बार सिमुलतला के आमों का स्वाद चख लिया, फिर उसे मानो यहां के आम का नशा चढ़ जाता है। 

[यहां पर है कितने प्रजातियों के आम] 
सिमुलतला में लगभग एक दर्जन से अधिक प्रजातियों के आम है जो बिहार एवं झारखंड के अन्य स्थानों में बसे लोगों को सिमुलतला की तरफ आकर्षित करती है। हर वर्ष सीजन का पहला आम गुलाब खास के नाम से जाना जाता है,जो दिखने में भी लाल रंग का खूबसूरत आम होता है और इसके स्वाद में भी गुलाब की खुशबू का एहसास होता है।इसके बाद होता है, बम्बईया आम जिसमें सबसे अधिक मिठास होता है। यह आम रोहन नक्षत्र से पहले प्राप्त होता है। फिर बारी आती है आमों का राजा कहे जाने वाले मालदह आम की।इस आम की मूल्य भी अन्य आमों की अपेक्षा हमेशा अधिक होती है और इसकी मांग भी सबसे अधिक होती है।इसमें भी दो किस्में होती है, एक सफेद एवं दूसरा हरा दोनो का स्वाद एक से बढ़कर एक होता है। इसके अलावे हेमसागर, कृष्णभोग, आम्रपाली, मल्लिका, जर्दालु, सीपिया, दशहरी, चौसा, फजली सहित कई अन्य प्रजातियों के आमों से पूरा सीजन यह स्थान भरा पूरा होता है।

[सैलानियों के कोठियों में फलों से सजी डालियां ]-

सिमुलतला में लगभग चार सौ से अधिक सैलानियों की कोठियां हैं और सभी कोठियों के चहारदीवारी के भीतर वर्तमान में आमों के पेड़ फलों से सजी हुई है।इस संदर्भ में अनन्या रिसोर्ट नामक होटल के मालिक सह वालीवुड अभिनेता फेवीयन चार्ल्स उड, बैंककर्मी रामजतन लाल, यशोदा कोठी के केयरटेकर बजरंगी सिंह, रंजीत यादव सहित कई अन्य लोगों ने बताया कि सिमुलतला के आम वर्षों से मशहूर है पहले तो बगीचे सिर्फ सैलानियों के कोठियों में ही हुआ करता था,लेकिन अब लोग अलग से इसका विस्तार कर रहे हैं और यह आम अब सिमुलतला को एक अलग पहचान दे रहा है।

[जल जीवन हरियाली से मिल सकता है लाभ ] 

सिमुलतला में आज भी सैकड़ो हेक्टेयर भूमि बंजर पड़ी हुई है।यदि इन जमीनों पर सिर्फ आम के बगीचे लगा दिए जाय तो निश्चित ही यहां के किसान मालामाल हो सकते हैं।  उपयुक्त मिट्टी एवं स्वच्छ जलवायु में उत्पन्न यहां के आम की मांग बाजारों में दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। यदि किसानों के पास आर्थिक तंगी है तो बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली से भी किसान लाभ ले सकते है।

Edited by : Abhishek Kr. Jha

#Jamui, #Plantation, #GidhaurDotCom

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