मनुस्मृति (3/56) में वर्णित है :
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रियाः।।
अर्थात :
जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है, देवता वहाँ निवास करते हैं.
अर्थात :
जहाँ स्त्रियों की पूजा होती है, देवता वहाँ निवास करते हैं.
और जहाँ स्त्रियों की पूजा नही होती है, उनका सम्मान नहीं होता है, वहाँ किये गये समस्त अच्छे कर्म निष्फल हो जाते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के उपलक्ष्य में gidhaur.com आपको रूबरू करवाएगा ऐसी नारी शक्तियों से, जिन्होनें सामाजिक तानेबानों से ऊपर उठकर परिवर्तन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में नए मिसाल कायम किये. 8 फ़रवरी से 8 मार्च तक आप प्रतिदिन gidhaur.com के माध्यम से अपने आसपास की ऐसी नारी शक्तियों के बारे में जान पाएंगे जिनकी उपलब्धियों पर आपको गर्व महसूस होगा. इस दौरान आप gidhaur.com के एडिटर-इन-चीफ सुशान्त साईं सुन्दरम के द्वारा लिखे गए 28 नारी शक्तियों के बारे में पढ़ेंगे. हमें पूरी उम्मीद है कि आपको हमारी यह पहल पसंद आयेगी. इस विशेष पहल का नाम नमस्तुभ्यं! रखा गया है, जो कि समस्त नारी शक्ति को समर्पित है. नमस्तुभ्यं का अर्थ है - नमस्कार. और हम इन नारी शक्तियों को उनकी उपलब्धियों और योगदान के लिए नमस्कार करते हैं.
अगर आपके आसपास भी कोई ऐसी प्रेरक महिला हैं, जिनके बारे में लिखा जाना चाहिए तो आप ई-मेल के माध्यम से editor@gidhaur.com पर संपर्क कर सकते हैं. इसके साथ आपके सुझाव भी सहर्ष आमंत्रित हैं.
11 फरवरी 2021 | नमस्तुभ्यं!
सुशान्त साईं सुन्दरम एडिटर-इन-चीफ, gidhaur.com |
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कोयलांचल की एक ऐसी गायिका के बारे में, जिन्होंने अपनी खनकती आवाज से सबको अपनी गायकी का कायल बना दिया है. इनका जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ जहाँ सभी की संगीत में रूचि रही है. इनके दादा एक जाने-मने संगीत के उस्ताद रहे, इनके माता पिता की भी संगीत में दिलचस्पी रही. ऐसे माहौल में पली-बढ़ी दिशानी दत्ता की पहचान न केवल उनके गृहनगर धनबाद में है, बल्कि देश के कई अन्य हिस्सों में भी उन्होंने अपनी प्रस्तुति दी है.
१२-१३ वर्ष की उम्र में दिशानी की संगीत की शिक्षा घर से ही शुरू हुई. उनकी माँ श्वेता दत्ता ट्रेंड सिंगर रही हैं, उन्होंने ही दिशानी को संगीत के बेसिक्स की शिक्षा दी. पूरा परिवार ही संगीत घराने से है. घर का माहौल ही संगीतमय रहा तो दिशानी को सीखने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी. म्यूजिक के लिए बाद में धनबाद की संगीत शिक्षिका लाबोनी दत्ता से सीखना शुरू किया. फिलहाल अभी ज़ी बांग्ला सा रे गा मा पा की ग्रूमर कल्याण भट्टाचार्य जी से ट्रेनिंग ले रही हैं.
दिशानी ने धनबाद में बनाये गए बाल मजदूरी पर आधारित फिल्म 'लाइफ़ इज ट्रैफिक सिग्नल' के गाने 'छुटकी के भैया' को अपनी आवाज दी है. दिशानी के गाये इस गाने को बेहद पसंद किया गया है. इसके अलावा वर्ष २०१४ से दिशानी स्टेज शोज़ कर रही हैं. इसकी शुरुआत भी धनबाद से ही हुई. श्रेया घोषाल को वे अपना रोल मॉडल मानने वाली दिशानी ने बिहार-झारखंड के कई शहरों में स्टेज शोज़ में परफॉर्म किया है.
स्कूल के दिनों में होने वाले आयोजनों में भी वे हिस्सा लिया करती थीं. स्कूल के सिंगिंग कांटेस्ट में भी हमेशा टॉप रैंक्स में आती रही. दिशानी की बारहवीं तक की पढ़ाई धनबाद के कारमेल स्कूल से हुई है. वे फ़िलहाल श्री श्री लक्ष्मी नारायण ट्रस्ट महिला कॉलेज (एसएसलेंटी), धनबाद से कॉमर्स से ग्रेजुएशन कर रही हैं.
दिशानी अपना फ्री टाइम खुद को ग्रूम करने में लगाती हैं. वे खुद से बातें करती हैं, ऑन स्टेज कैसे रहें इसपर वो काम करती हैं. साथ ही कैमरे को कैसे फेस करना है, लोगों के सामने खुद को कैसे प्रेजेंट करना है, इस सब पर वो विशेष ध्यान देती हैं. गाना तो वो हमेशा ही सुनती-गुनगुनाती रहती हैं.
फूडिंग हैबिट्स के बारे में बताते हुए दिशानी कहती हैं कि वे अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखती हैं. पिछले चार महीनों में उन्होंने बीस किलो वजन कम किया है. इसका राज बताते हुए कहती हैं कि फल-सब्जियां, सलाद, जूस खा-खाकर वजन कम किया है.
फिटनेस को लेकर दिशानी बहुत सजग रहती हैं. घर पर एक्सरसाइज करती हैं और रोज आठ किलोमीटर मोर्निंग वाक करती हैं. इसके अलावा डाइट बहुत ज्यादा मेंटेन करती हैं जिससे स्वास्थ्य सही रहे. चाय या कॉफ़ी के सवाल पर दिशानी कहती हैं मैं बहुत बड़ी चाय लवर हूँ, लेकिन अभी मैं कंट्रोल कर रही हूँ, सिर्फ ग्रीन टी और लेमन टी पीती हूँ, वो भी बिना चीनी वाली. जंक फूड्स, पिज़्ज़ा न खाकर केवल सिम्पल घर का खाना खाकर वे अपनी फिटनेस मेंटेन करती हैं.
गोलगप्पे बहुत ज्यादा पसंद हैं लेकिन फिटनेस के लिए छोड़ दिया है. हँसते हुए बताती हैं कि बस यूट्यूब पर गोलगप्पे के वीडियोज़.देखकर मन भर लेती हूँ. गोलगप्पा और पिज़्ज़ा बनाने का रेसिपी यूट्यूब पर देखकर इमेजिन कर लेती हैं कि टेस्ट कैसा बना होगा. वेजीटेरियन या नॉन-वेजीटेरियन के सवाल दिशानी कहती हैं - "प्योर नॉन-वेजिटेरियन. आमी बंगाली!" खाना भी पकाती हैं. बहुत ज्यादा तो नहीं, लेकिन खाना पकाना आता है.
दिशानी कहती हैं कि बहुत ख़ुशी और गर्व महसूस होता है कि लोग अब जानने लगे हैं मुझे. शोज पर लाइन लगाकर सेल्फीज़ लेते हैं. मम्मी के ऑफिस में लोग बहुत चाहते हैं, और बहुत चाहते है. लॉक डाउन के बाद जब वे डिजिटली कई लाइव परफोर्मेंस कीं तो उनकी लोकप्रियता बढ़ी है. लाइफ के गोल बारे में दिशानी बताती है कि उनका एक ही गोल है कि सफल प्लेबैक सिंगर बनना है. साथ ही अपने पेरेंट्स के लिए कुछ करना है.
वे बताती हैं की मेरी जिन्दगी का बहुत बड़ा मकसद है कि अपने पेरेंट्स की हर ख्वाहिशें पूरी करना चाहती हैं और इसकी शुरुआत उन्होंने अभी से ही शुरु कर दी है. लाइफ में वे सबसे ज्यादा अपनी मम्मी के नजदीक हैं. कहती हैं कि मम्मी से सबसे अच्छी बोन्डिंग है और वो मेरी बहन जैसी दिखती हैं. जब कोई उन्हें कहता है कि वो मेरी बहन जैसी हैं तो वे बहुत खुश होती हैं.
दिशानी को कॉमिक्स पढ़ना बहुत ज्यादा पसंद है. कहती हैं की पूरी फैमिली ही म्यूजिक वाली है तो दिनिंग टेबल से लेकर, बेड तक सिर्फ म्यूजिक ही चलता रहता है. बता दें कि लॉक डाउन के दौरान gidhaur.com द्वारा आयोजित गिद्धौर गायनोत्सव में भी दिशानी ने वर्चुअल प्रस्तुति दी है
देखिये गिद्धौर गयानोत्सव में दिशानी दत्ता की प्रस्तुति >>.
यूट्यूब पर दिशानी दत्ता से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ : https://www.youtube.com/channel/UCn3onQdR9vKpuydarFbYS7A
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