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अचला सप्तमी पर पत्नेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

बरहट/जमुई (Barhat/Jamui) : हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी मनाई जाती है। इसे सूर्य सप्तमी, रथ आरोग्य सप्तमी, सूर्यरथ सप्तमी, पुत्र सप्तमी आदि नामों से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान सूर्य ने इसी दिन सारे जगत को अपने प्रकाश से आलोकित किया था, इसीलिए इस सप्तमी को सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस बार अचला सप्तमी 19 फरवरी को था, जिसे लेकर बरहट प्रखंड क्षेत्र के पत्नेश्वर पहाड़ पर स्थित सूर्य मंदिर परिसर में शुक्रवार को अचला सप्तमी तिथि के अवसर पर सूर्य पूजन कार्यक्रम किया गया।
इसे लेकर विकास कुमार पांडेय ने बताया कि अचला सप्तमी माघ शुक्ल पक्ष के दिन भगवान भास्कर का प्रादुर्भाव हुआ था, जो पुराण में भी वर्णित है। इस दिन जो भी श्रद्धालु सच्चे तन-मन से सूर्य उपासना करते हैं,  नमक का सेवन नहीं करते हैं और भक्ति भाव से उनका पूजन करते हैं उनका सातों जन्म का पाप धुल जाता है। इस पूजन कार्यक्रम में शिक्षा निदेशक पटना के योगेश कुमार मिश्रा, अनिल मिश्रा, सूर्यकांत मिश्रा, विपिन कुमार मिश्रा, ललन कुमार सिंह समेत कई श्रद्धालु शामिल हुए और हवन पूजन कार्यक्रम में भाग लिया। बता दें कि जमुई जिले में एकमात्र सूर्य मंदिर है जो पत्नेश्वर पहाड़ स्थित क्यूल नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर के निर्माण सहित रखरखाव कार्य मंदिर के व्यवस्थापक अनिल मिश्रा के देखरेख में किया जाता है।  इस कार्यक्रम को लेकर पूरा माहौल भक्तिमय दिखा।

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