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जमुई : चिराग ने तैयार की श्रेयसी के जीत की जमीन, जहाँ उन्होंने लगाया जीत पर सटीक निशाना

जमुई : जमुई विधानसभा (Jamui Assembly) से भाजपा (BJP) की टिकट पर चुनावी रणक्षेत्र में उतरी अर्जुन अवार्ड विजेता (Arjun Award Winner) श्रेयसी सिंह (Shreyasi Singh) की सियासी मैदान सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) ने सेट की थी. चिराग के सेट मैदान से ही निशानेबाज श्रेयसी ने राजनीति में जीत का निशाना साधा. लोजपा (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने श्रेयसी को समर्थन देने के लिए ट्वीट किया था. ट्वीट में चिराग ने अपील की थी कि श्रेयसी मेरी छोटी बहन है. उन्हें जिताने के लिए लोजपा कार्यकर्ता काम करें. वैसे यह बात भी सामने आई थी कि श्रेयसी राजद (RJD) की टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं.

नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मतभेद की वजह से श्रेयसी की माँ और बांका (Banka) लोकसभा की पूर्व सांसद पुतुल कुमारी (Putul Kumari) ने जदयू (JDU) के साथ जाने से इंकार कर दिया था. वहीं श्रेयसी का मानना था कि बांका उनके माता-पिता की राजनीतिक क्षेत्र रही है, इसलिए वो भी बांका लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं. श्रेयसी का कहना था कि बांका माता-पिता की कर्मभूमि है और जमुई जन्मभूमि, ऐसे में पार्टी का निर्णय मानते हुए ही चुनावी मैदान में उतरेंगी.

श्रेयसी सिंह की बांका से चुनाव लड़ने की ज्यादा इच्छा थी, लेकिन जमुई सांसद चिराग पासवान ने उन्हें जमुई सीट के लिए समझाया. चिराग ने ही श्रेयसी को लोजपा या भाजपा से लड़ने की सलाह दी थी. यह सब तब हुआ जब चिराग बिहार एनडीए में सहयोगी के रूप में थे और सीटों का बंटवारा नहीं हुआ था. सीटों के बंटवारा को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने चिराग को तब 27 सीटों पर लड़ने का ऑफर दिया था. इन 27 सीटों में जमुई और सिकंदरा का नाम भी शामिल था.

श्रेयसी सिंह के लिए चिराग जमुई सीट भाजपा के लिए छोड़ने के लिए भी तैयार थे. इधर श्रेयसी सिंह की राजद और भाजपा से बात भी चल रही थी. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा (J. P. Nadda) ने चिराग से कहा कि श्रेयसी कन्फ्यूज्ड हैं कि वे किस पार्टी से चुनाव लड़ें? ऐसे में चिराग पासवान ने ही श्रेयसी से बात की और उन्हें भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए मनाया. चिराग की मेहनत रंग लाई और जमुई विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी श्रेयसी सिंह ने बड़ी जीत हासिल की. उन्होंने राजद (RJD) प्रत्याशी विजय प्रकाश (Vijay Prakash) को 41 हजार से अधिक वोटों के बड़े मार्जिन से हराया.
वहीं राजनीतिक जानकारों की मानें तो श्रेयसी सिंह को जमुई सीट से लड़वाने के पीछे चिराग पासवान की बड़ी राजनीतिक चाल है. चिराग ने धुर विरोधी नरेंद्र सिंह (Narendra Singh) को राजनीतिक शिकस्त देने के लिए श्रेयसी को जमुई से चुनाव लड़वाने की चाल चली. श्रेयसी सिंह के जमुई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने और जीत हासिल करने से राजपूतों के एक बड़े वोट बैंक को साधने के साथ-साथ नरेंद्र सिंह के गढ़ में ही उनको मात देने की राजनीतिक चक्रव्यूह की चिराग पासवान ने रचना की. चिराग के आतंरिक विश्लेष्ण के मुताबिक नरेंद्र सिंह के बने बनाये राजपूत वोट बैंक की काट के लिए श्रेयसी से बेहतर कोई और दूसरा चेहरा नहीं हो सकता था.

वहीं अब श्रेयसी को आने वाले भविष्य के लिए भी तैयार किया जाएगा, ताकि वो स्व. दिग्विजय सिंह (Late Digvijay Singh) एवं पुतुल कुमारी के राजनीतिक विरासत को संभालें और बांका संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ सकें. वहीं यह भी बता दें कि चिराग पासवान एवं श्रेयसी सिंह के परिवार की आपस में अच्छी पहचान है और दिल्ली में सभी का आना जाना भी लगा ही रहता है. ऐसे में यह तो अब तय है कि चिराग को जमुई में छोटी बहन श्रेयसी का साथ मिल गया है.

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