Sono News (किशोर कुणाल) :- नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास के कथित दावों की पोल खोलती असहना- झुंडों सड़क पिछले कई वर्षों से बदहाल स्थिति में है। सड़क निर्माण एजेंसी व विभागीय अभियंताओं की मिलीभगत से उक्त महत्वपूर्ण सड़क,बदहाली की पीड़ा झेल रही है।
बता दें कि उक्त सड़क नक्सलप्रभावित क्षेत्र की अतिमहत्वपूर्ण सड़क है। सोनो प्रखंड के पश्चिमी भाग के दर्जनों गांवों को खैरा व जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली यह सड़क एक बड़ी आबादी का लाइफ लाइन है। इस सड़क की मरम्मत अथवा निर्माण को ले पिछले कई वर्षों से क्षेत्रवासी प्रयासरत हैं पर यह सड़क अबतक विभागीय उदासीनता की शिकार बनी हुई है। उक्त महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण को ले जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से भी क्षेत्रवासी हैरत में हैं। सड़क पर बने गड्ढे व निकल आए नुकीले पत्थर यहां आए दिन हादसों का सबब बनते रहे हैं। एनएच 333 ए पर स्थित मांगोबंदर पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद बड़े व भारी वाहन खैरा व जिला मुख्यालय तक जाने के लिए इसी सड़क का उपयोग करते हैं बाबजूद सड़क जर्जर स्थिति में है। नक्सल क्षेत्र में विकास की सकारात्मक सोच रखने वाले अधिकारी , अभियंता व क्षेत्र की रहनुमाई करने वाले नेता बोलते तो बहुत कुछ हैं बावजूद इसके असहना झुंडों सड़क की न तस्वीर बदल पाई है और न ही तकदीर।
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बता दें कि उक्त सड़क नक्सलप्रभावित क्षेत्र की अतिमहत्वपूर्ण सड़क है। सोनो प्रखंड के पश्चिमी भाग के दर्जनों गांवों को खैरा व जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली यह सड़क एक बड़ी आबादी का लाइफ लाइन है। इस सड़क की मरम्मत अथवा निर्माण को ले पिछले कई वर्षों से क्षेत्रवासी प्रयासरत हैं पर यह सड़क अबतक विभागीय उदासीनता की शिकार बनी हुई है। उक्त महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण को ले जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से भी क्षेत्रवासी हैरत में हैं। सड़क पर बने गड्ढे व निकल आए नुकीले पत्थर यहां आए दिन हादसों का सबब बनते रहे हैं। एनएच 333 ए पर स्थित मांगोबंदर पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद बड़े व भारी वाहन खैरा व जिला मुख्यालय तक जाने के लिए इसी सड़क का उपयोग करते हैं बाबजूद सड़क जर्जर स्थिति में है। नक्सल क्षेत्र में विकास की सकारात्मक सोच रखने वाले अधिकारी , अभियंता व क्षेत्र की रहनुमाई करने वाले नेता बोलते तो बहुत कुछ हैं बावजूद इसके असहना झुंडों सड़क की न तस्वीर बदल पाई है और न ही तकदीर।
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