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Monday, 29 June 2020

गिद्धौर सेन्ट्रल स्कूल में PSACWA ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, अभिभावक से फ़ीस भुगतान की अपील


Gidhaur News (अभिषेक कुमार झा): -

लॉकडाऊन (Lock Down) की स्थिति में शिक्षा व्यवस्था को पुनः पटरी पर लाने को लेकर प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर ऐसोसिएसन (Private School and Children Welfare Association) के बैनर तले प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई । गिद्धौर सेंट्रल स्कूल (Gidhaur Central School) में आयोजित उक्त कॉन्फ्रेंस की अगुवाआई संघ के जिला अध्यक्ष लक्ष्मण झा ने की। बैठक में मौजूद संघ के जिला महामंत्री विजय सिंह, उपाध्यक्ष अमर सिंह ने अभिभावकों से अपील करते हुये कहा कि अभिभावक गण मार्च तक विद्यालय प्रबंधन का बकाया राशि का भुगतान करें।
अप्रैल माह से अब तक जिला के सभी निजी विद्यालयों द्वारा बच्चों की शिक्षा बाधित न हो इसके लिए, ऑनलाइन शिक्षा बच्चों को विद्यालय प्रबंधन मुहैया करवा रही है। लेकिन बच्चों के अभिभावकों द्वारा विद्यालय के बकाया राशि का भुगतान नही किये जाने से प्रबंधन में कार्यरत शिक्षकों को वेतन भुगतान में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय प्रबंधन की आर्थिक स्थिति भी दयनीय होती जा रही है। इसलिए बच्चों की शिक्षा व शिक्षक हित को ध्यान में रखते हुए विद्यालय के बकाया राशि का भुगतान जरूर करें।
 वहीं संघ के जिला महामंत्री विजय सिंह व उपाध्यक्ष अमर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) के दौरान कहा कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) को भी तत्काल बंद कर दिया जाएगा।  कुछ व्यक्तियों द्वारा अभिभावकों को भ्रमित किया जा रहा है कि विद्यालय प्रबंधन को फीस नही देना है और नए सत्र में दूसरे विद्यालय में नामांकन करवा लेना है। इससे बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।  इसलिए इन परिस्थितियों को देखते हुए ऐसोसिएसन ने यह तय किया है कि दो वर्षों तक निजी विद्यालय में नामांकन कराने से पूर्व किसी भी अभिभावक द्वारा बकाया राशि का भुगतान का प्रमाण पत्र विद्यालय प्रबंधन को समर्पित करना पड़ेगा तभी उनका नामांकन विद्यालय में लिया जाएगा।
बता दें, नौनिहालों की शिक्षा अवरुद्ध न हो इसको लेकर निजी विद्यालय प्रयासरत है। निरन्तर संघ के द्वारा भी सरकार से मांग की जा रही है। मांगों की पूर्ति पर विचार न होना तथा शुल्क भुगतान को लेकर अभिभावकों के बैकफुट पर आने से निजी विद्यालयों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।

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