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गिद्धौर PHC : दहलीज पर दर्द से करहता रहा घायल, प्राथमिक उपचार भी मयस्सर नहीं

Gidhaur News (Abhishek Kumar Jha) :-

 बुनियादी सुविधाओं के अभाव में संघर्ष कर रहे दिग्विजय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गिद्धौर का प्रबंधन कोरोना के इस आपदा की स्थिति में अपने लापरवाही को लेकर फिर से सुर्खियों में है। एक ओर जहां अस्पताल को कोरोना केयर सेन्टर बनाया गया है तो वहीं गिद्धौर पीएचसी (Gidhaur PHC) में आने वाले मरीज को प्राथमिक उपचार भी मयस्सर नहीं हो पा रही है।

गिद्धौर अस्पताल के दहलीज पर कराह रहा घायल

ताजा मामला शनिवार की  दोपहर का है जब गिद्धौर लॉर्ड मिन्टो टॉवर चौक (Gidhaur Lord Minto Tower) के समीप एक चाय दुकान के पास गिद्धौर के ही 9-10 युवक ने दबंगई दिखाते हुए एक ऑटो चालक की पिटाई कर उसे घायल कर दिया। ऑटो चालक खैरा थाना क्षेत्र के बानपुर गांव का निवासी मो. मसिर खान के पुत्र मो. अज़ाद खान बताए जाते हैं। उक्त घटना में घायल आज़ाद ने बताया कि बोधवन तालाब (Bowdhwan Talaw Jamui) से ऑटो पर सवारी लेकर वे गिद्धौर की ओर लौट रहे थे, इसी क्रम में गिद्धौर के उक्त सवारियो की ऑटो चालक की अनबन हुई यह मारपीट में तब्दील हो गयी।

मो. आज़ाद, घायल

मारपीट में गम्भीर रूप से घायल हुए मो. आजाद को गिद्धौर थाना (Gidhaur Police) के अनि प्रमोद कुमार अपने दल बल के सहयोग से गिद्धौर पीएचसी उसके प्राथमिक उपचार के लिए लाया लेकिन दोपहर को गिद्धौर अस्पताल में एक भी चिकित्सक के मौजूद न रहने के कारण घायल मो. आज़ाद अस्पताल के दहलीज पर तकरीबन आधे घण्टे तक दर्द से करहता रहा, पर अस्पताल में चिकित्सकों व कर्मियों की गैर-मौजूदगी के कारण घायल आज़ाद का प्राथमिक उपचार नहीं हो सका।


हालांकि इस क्रम में उसके अस्पताल लाये जाने की सूचना गिद्धौर थाना के अनि प्रमोद कुमार द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राम स्वरूप चौधरी को दी गयी थी। सूचना देने के 15-20 मिनट बाद भी अस्पताल के कर्मी नदारद रहे। इसके कुछ देर बाद अस्पताल के महिला कर्मी अनिता कुमारी पहुंची और गिद्धौर पुलिस (Gidhaur Police) के सहयोग से आज़ाद को निजी दवाखाना में ले जाकर उसका उपचार करवाया।

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 " अस्पताल में कोरोना के मरीज रखे गए हैं। सभी चिकित्सक कोरोना ड्यूटी पर है। ओपीडी बन्द है, किसी भी मरीज को देखने का निर्देश नहीं दिया गया है। "          - डॉ. राम स्वरूप चौधरी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, गिद्धौर पीएचसी
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कोरोना के आड़ में छुपाई गयी अस्पताल की खामियां

यहां गौरतलब यह है कि, गिद्धौर के इस अस्पताल में चिकित्सकों की लेटलतीफी व  निर्धारित ड्यूटी से नदारद रहने वाले चिकित्सक व कर्मियों के मामले में चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई करने की बात कही गयी थी, बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन के कार्यशैली में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। संवाददाता (Reporter) से बातचीत के क्रम में कोरोना को ढ़ाल बनाकर अस्पताल प्रबंधन की खामियों को  छुपाने के प्रयास में तो चिकित्सा प्रभारी सफल रहे पर, पीएचसी के दहलीज पर आधे घण्टे से इलाज को कराह रहे घायल को बिना उपचार ही निजी दवाखाना की ओर कूच करने के वाक्या ने प्रबंधन को बेपर्दा कर दिया है।

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