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गिद्धौर : राशन कार्ड बनाने के लिए चप्पल घिस रहे हैं आवेदक, कछुए की चाल में प्रक्रिया

News Desk | Abhishek Kumar Jha】:-
देश के हर नागरिक के पास राशन कार्ड सुनिश्चित करने को लेकर जहां एक ओर मौजूदा सरकार 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' को धरातल पर उतारने को अपने पूरे महकमे को निर्देशित कर रखा है, वहीं दूसरी ओर जमुई जिले में कछुए की चाल में बढ़ रही राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया में नियमों व शर्तों में सरकार का आदेश उलझ कर रह जा रहा है।


 जिले में कई ऐसे गरीब परिवार है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं रहने के कारण पीडीएस दुकान से राशन नहीं मिल रहा। कोरोना के इस संकट काल में केन्द्र व राज्य सरकार गरीबों के निवाले की व्यवस्था करने की बात कह रही है। सात दिन में राशन कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश भी बिहार सरकार द्वरा दिए गए हैं। लॉकडाउन के अवधि में जीविका को भी राशन कार्ड बनाने की जिम्मेदारियां सौंपी गई थी, बावजूद इसके जमुई सदर, गिद्धौर, सोनो, झाझा, लक्ष्मीपुर, बरहट आदि प्रखण्डों के सुदूर इलाकों में कई ऐसे वंचित गरीब हैं, जो वास्तव में राशन कार्ड के हकदार हैं और आवेदन के बाद भी उन्हें राशन कार्ड नहीं मिल सकी लिहाजा बिना राशन कार्ड के उन्हें सरकारी खाद्यान्न भी मयस्सर नहीं हो सकी है। बीते 8 जून तक में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जमुई जिले के रुलर एरिया में 276146 कार्डधारक तथा अर्बन एरिया के 20521 कार्डधारक नामित हैं।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, गिद्धौर प्रखंड में अबतक पी.एच.एच. राशन कार्डधारी की संख्या 11788 है तथा अन्त्योदय कार्ड धारी 1977 या फिर कुल मिलाकर यदि कहें तो मात्र 13765 राशन कार्डधारी हैं।
इधर,  राशन कार्ड से वंचित वास्तव हकदार बताते हैं कि राशन कार्ड के लिए कागजी पात्रता में विभागीय कर्मी इतना उलझ देते हैं कि आवेदक इससे उभर ही नही पाते, जिससे न तो उन्हें राशन कार्ड हाथ लगती है और न ही सरकारी खाद्यान्न। वहीं, पीडीएस दुकानदारों ने राशनकार्ड के अनुसार ही राशन प्राप्त होने की बात बताई। बताया कि उन्हें अभी कार्ड के अलावे अन्य किसी को राशन देने का विभागीय आदेश विभाग प्राप्त नहीं हो सका है। ऐसे में राशन कार्ड से वंचित अत्यंत गरीब परिवारों के समक्ष भुखमरी का संकट उत्पन्न होने लगी है। परिणामतः राशन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले कई लाभुक अपने पंचायत से लेकर प्रखण्ड मुख्यालय के खाद्य आपूर्ति कार्यालय तक चप्पल घिसने को विविश हैं।