गिद्धौर(Gidhaur) | अक्षय कु. सिंह :
पिछले एक दो दशक से धीरे धीरे विकसित होकर एक बड़े मार्केट का रूप ले चुका गिद्धौर बजार इस समय पूरी तरह से कीचड़ की जद में आ गया है. यहाँ के दुकानगार भी त्रस्त हैं. राहगीर भी बारिश के दिनों में काफी परेशान रहते हैं, बचने की लाख कोशिश के वावजूद कीचड़युक्त सड़क पर यात्रा करने को विवश हैं.
गाड़ियों के आने जाने से कीचड़ व दूषित पानी के छींटे दुकान के अंदर तक पहुंच जाते हैं. इस क्षेत्र के मुख्य बाजारों में से एक होकर भी यहाँ जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है. चाहे वह लॉर्ड मिंटो टावर चौक हो या घनश्याम स्थान रोड चारों तरफ सिर्फ कीचड़ और जलजमाव ही देखने को मिलता है. प्रखंड मुख्यालय के बाजार की ये बदहाली जनप्रतिनिधियों के खोखले वादे और अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना हरकतों को दर्शाती है.
अगर बाजार से रेलवे स्टेशन की तरफ आगे बढ़ें तो स्थिति और भी ज्यादा दयनीय है. वर्षा ऋतु में रेल यात्रा करना जितनी ही आनंददायक है, बाजार से रेलवे स्टेशन की यात्रा उतनी ही चुनौतीपूर्ण. सड़के देखने बाद ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि यह सड़क न होकर गाँव की कोई पगडंडी हो. इंच इंच पर ऐसे गड्ढे हैं कि जरा सी चूक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है, हल्की सी असावधानी यमराज के भी दर्शन करवा सकती है.
कई बार इस समस्या के बारे में अखबार और अन्य माध्यमों के जरिए जनप्रतिनिधियों को भी रूबरू करवाया गया लेकिन अभी तक उनके तरफ से कोई आश्वासन नहीं आया. वहीं अगर प्रखंड और जिले के तमाम अधिकारियों की बात करें तो वह भी सिर्फ मूकदर्शक बने हैं.
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