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मंगलवार, 19 मई 2020

कोरोना वायरस वैक्सीन का शुरूआती मानव ट्रायल सफल, जल्द ही मानव जीवन के लिये वरदान साबित हो सकता है

न्यूज़ डेस्क [शुभम मिश्र] : कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने जहां पूरे विश्व को अपने चपेट में ले रखा है।वहीं इससे निजात पाने के लिए संसार के कई देश के शोधकर्ता इसके वैक्सीन की खोज में दिन-रात लगे हुए हैं।अमेरिका स्थित मॉडर्ना फार्मा कंपनी ने कोरोनो वायरस के खिलाफ एक प्रायोगिक वैक्सीन की खोज की है जो प्रारंभिक परीक्षण में उत्साहजनक और सफल परिणाम दिखाया है।इस दौरान वैक्सीन के कम या मध्यम खुराक ,आठ स्वस्थ एवं मध्यम आयु वर्ग के अध्ययन वॉलन्टीयर्स में दिये गये थे तत्पश्चात उनलोगों में देखा गया कि जो COVID​​-19 से संक्रमण होकर ठीक होने के बाद के Antibody मरीज के शरीर में बनते हैं वही उनलोगों के शरीर में पाया गया है।यानि टेस्ट में वॉलन्टीयर्स में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित होते हुए देखा गया है।इस बाबत इसके निर्माता ने सोमवार को घोषणा करते हुए कहा कि कंपनी ने वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में एक अहम चरण पार कर लिया है एवं वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल भी शुरू कर दिया है ; जिसके नतीजे भी काफी बेहतर मिल रहे हैं। कंपनी ने कहा है कि ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल के शुरुआती नतीजे सकारात्मक आने के बाद जुलाई में वैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण भी शुरू हो जाएगा।बतादें कि अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के नेतृत्व में अध्ययन के अगले चरण में,शोधकर्ता यह निर्धारित करने की कोशिश करेंगे कि जुलाई में शुरू करने के लिए कौन से प्रयोग निश्चित हैं।वहीं बतादें कि कुल मिलाकर, 45 लोगों को वैक्सीन के एक या दो डोज़ दिए गए।मॉडर्ना फार्मा कंपनी ने यह भी कहा है कि वैक्सीन mRNA-1273 का असर पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल में हिस्सा लेने वाले हर शख्स को 25,100 या 250 माइक्रोग्राम की खुराक में दी गई थी। प्रत्येक खुराक समूह में 15 लोग रखे गए थे।कंपनी ने कहा कि वैक्सीन सुरक्षित लगता है, लेकिन यह देखने के लिए और अधिक व्यापक परीक्षण की आवश्यकता है।कुछ अल्पकालिक दुष्प्रभावों के बाद उच्च खुराक को देकर परीक्षण भी किया जा रहा है।वहीं बताते चलें कि दुनिया भर में, लगभग एक दर्जन वैक्सीन परीक्षक इस वैक्सीन की खोज के पहले चरण में हैं।स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह भी कहा है कि अगर सब ठीक रहा तो संभावित टीका का अध्ययन कर इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में लोगों को उपलब्ध कराया जा सकता है।विदित हो कि पिछले साल के अंत में चीन में कोरोना उभरने के बाद से दुनिया भर में 4.7 मिलियन से अधिक लोगों में संक्रमण और कोरोनोवायरस से अब तक 315,000 मौतें हो चुकी हैं।अभी तक COVID-19 का कोई विशिष्ट अनुमोदित उपचार उपलब्ध नहीं हो सका है।

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