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बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का हुआ ट्रांसफर, उठ रहे हैं सवाल




पटना :
कोरोना काल में संकट का सामना कर रहे बिहार में नीतीश सरकार ने एक बडा फैसला लेते हुए हैं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का तबादला कर दिया है. संजय कुमार की जगह अब उदय सिंह कुमावत को स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है.

संजय कुमार को पर्यटन विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है. जबकि पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत को अब स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है. यह तबादला रब किया गया है, जब संजय कुमार पूरे तन-मन से इस काम में जी जान से जुटे हुए थे.

ऐसे में अचानक स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के स्थानांतरण के बाद अब कई सवाल खडे हो रहे हैं. चर्चा तो कई हैं, लेकिन अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और स्वास्थ्य प्रधान सचिव के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं था.

वहीं दूसरी चर्चा यह है कि दरबारी नहीं करना इनके लिए भारी पड गया. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार का तबादला किन परिस्थितियों में किया गया है? यह फिलहाल साफ नहीं हुआ है. 1990 बैच के आईएएस अधिकारी संजय कुमार पिछले साल ही झारखंड से वापस बिहार आए थे. झारखंड में अपनी पदस्थापन के दौरान संजय कुमार तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के बेहद करीबी अधिकारियों में गिने जाते थे.

बिहार आने के बाद उन्हें स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा दिया गया था और कोरोना महामारी के बीच लगातार सोशल मीडिया के जरिए तमाम आंकडे शेयर कर रहे थे. लेकिन अचानक से सरकार ने स्वास्थ्य विभाग से उन्हें हटाते हुए पर्यटन विभाग में पदस्थापित कर दिया गया है.
संजय कुमार राज्य परामर्श दात्री समिति के सदस्य सचिव के तौर पर अतिरिक्त प्रभार में बने रहेंगे. जबकि स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव बनाए गए उदय सिंह कुमावत महानिदेशक बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान के अतिरिक्त प्रभार में बने रहेंगे. हालांकि उदय सिंह कुमावत को जांच आयुक्त सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है.

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 4 दिन पहले दोनों के बीच सामंजस्य का अभाव उस समय सबके सामने आ गया जब, कोरोना के नए मरीजों का आंकडा मंगल पांडेय और संजय कुमार दोनों तरफ से जारी किया जाने लगा. लेकिन दोनों के आंकडों में समानता नहीं दिखी थी.

अब तक स्वास्थ्य प्रधान सचिव संजय कुमार हीं कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकडा सार्वजनिक करते थे. लेकिन अचानक स्वास्थ्य मंगल पांडेय भी एक्टिव हो गए और ट्वीटर पर नए पॉजिटिव केस की जानकारी देने लगे. मंगल पांडेय के बाद स्वास्थ्य प्रधान सचिव संजय कुमार भी सूची जारी किए. लेकिन दोनों के आंकडों में अंतर था. ऐसे में भद्द पिटने के बाद मंगल पांडेय ने पॉजिटिव मरीजों की संख्या की जानकारी देना बंद कर दिया था.सोशल मीडिया पर प्रधान सचिव और मंत्री के बीच जारी लुका-छिपी के खेल से उस दिन से हीं चर्चा शुरू हो गई थी कि दोनों में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. इसके अलावे भी कई अन्य मुद्दे थे, जिससे दोनों में अनबन दिखी थी. आज अचानक स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का स्थानंतरण कर दिया गया. इसके बाद लोग कहने लगे हैं कि यह तो होना हीं था. वहीं, जानकारों की मानें तो संजय कुमार साजिश के शिकार हो गए हैं. वे दरबारी करने की बजाए काम में विश्वास करते थे. यही वजह रही कि वे कुछ लोगों के लिए आंखों के कांटा बन गए थे. कोरोना संकट में कमी निकालकर ऊपर तक यह बताया जाने लगा कि स्वास्थ्य विभाग के स्तर से लापरवाही बरती जा रही है. ऐसे में अब सबकी निगाहें नये प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत पर होगी कि वह इन परिस्थितियों का सामना किस तरह से कर पाते हैं.