जारी है मजदूरों का पलायन, छलका रहा दर्द...
【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】:-
पैरों में छाले, आंखों में पानी और घर जाने की मजबूरी... इन्हीं एहसासों के बीच केंद्र सरकार द्वारा घोषित लॉक डाउन के बाद मजदूरों का पलायन जारी है।मंगलवार को गिद्धौर की सड़कों पर लंबे लम्बे डग भरते एक परिवार पर संवाददाताओं की नजर पड़ी।
जिनसे बात करने पर उन्होंने बताया कि वे पिछले 2 दिन पहले पैदल ही बेंगाल के वर्द्धमान से चले और हिसुआ नवादा तक का सफर तय करना है। बताया कि रेल, बस सार्वजनिक और निजी परिवहन सेवा बंद होने से पैदल ही पत्नी समेत अपने 4 छोटे-छोटे बच्चे के साथ अपने पैतृक गांव की ओर निकल पड़े हैं।
वर्द्धमान से चलकर गिद्धौर तक आये मजदूर पिंकू कुमार चन्द्रवंशी बताते हैं कि ठेकेदार और मकान मालिकों की बेरुखी से कई मजदूर अपने पैतृक गांव लौट रहे हैं। उनके साथ उनकी पत्नी गीता देवी, पुत्र बादल कुमार, सुरज कुमार, व पुत्री अनीता कुमारी भी हैं।
इधर, हिसुआ नवादा जाने के क्रम में गिद्धौर रुके उक्त मजदूर परिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक निहाल वर्मा ने खाद्य सामग्री का वितरण कर अपने गांव में जांच कराने की सलाह दी।
गौरतलब है कि ,प्रशासनिक स्तर पर सरकारी परिवहन व्यवस्था से गतंव्य तक भेजने का फरमान जारी तो कर दिया गया है, लेकिन बेंगाल से तीन राज्यों की सीमा लांघने के बाद भी पलायन कर रहै इन मजदूरों के पांव थमते नहीं दिख रहे।
【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】:-
पैरों में छाले, आंखों में पानी और घर जाने की मजबूरी... इन्हीं एहसासों के बीच केंद्र सरकार द्वारा घोषित लॉक डाउन के बाद मजदूरों का पलायन जारी है।मंगलवार को गिद्धौर की सड़कों पर लंबे लम्बे डग भरते एक परिवार पर संवाददाताओं की नजर पड़ी।
जिनसे बात करने पर उन्होंने बताया कि वे पिछले 2 दिन पहले पैदल ही बेंगाल के वर्द्धमान से चले और हिसुआ नवादा तक का सफर तय करना है। बताया कि रेल, बस सार्वजनिक और निजी परिवहन सेवा बंद होने से पैदल ही पत्नी समेत अपने 4 छोटे-छोटे बच्चे के साथ अपने पैतृक गांव की ओर निकल पड़े हैं।
वर्द्धमान से चलकर गिद्धौर तक आये मजदूर पिंकू कुमार चन्द्रवंशी बताते हैं कि ठेकेदार और मकान मालिकों की बेरुखी से कई मजदूर अपने पैतृक गांव लौट रहे हैं। उनके साथ उनकी पत्नी गीता देवी, पुत्र बादल कुमार, सुरज कुमार, व पुत्री अनीता कुमारी भी हैं।
इधर, हिसुआ नवादा जाने के क्रम में गिद्धौर रुके उक्त मजदूर परिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक निहाल वर्मा ने खाद्य सामग्री का वितरण कर अपने गांव में जांच कराने की सलाह दी।
गौरतलब है कि ,प्रशासनिक स्तर पर सरकारी परिवहन व्यवस्था से गतंव्य तक भेजने का फरमान जारी तो कर दिया गया है, लेकिन बेंगाल से तीन राज्यों की सीमा लांघने के बाद भी पलायन कर रहै इन मजदूरों के पांव थमते नहीं दिख रहे।
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