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हिंदू लड़की की मस्जिद में धूमधाम से हुई शादी, केरल के मुख्यमंत्री ने की फोटो शेयर


केरल : हमारे देश में हिन्दू -मुस्लिम के नाम पर राजनीति खूब की जाती है।  ताकि राजनितिक पार्टियां अपने स्वार्थ की रोटियां सेंक सके। लेकिन देश के हिन्दू - मुस्लिम का भाईचारा किसी के रोकने और तोड़ने से नहीं टूटता है।  समय - समय पर ऐसे मामले सामने आते है, जो लोगों को यह मानने पर मजबूर करते है कि देश के हिन्दू - मुस्लिम एकता समाज में बरकरार है।  कुछ ऐसा ही मामला केरल के अलापूझा से आई है. जंहा मस्जिद परिसर में ही एक हिंदू लड़की की शादी कराकर मुस्लिम समाज में मानवता की मिसाल पेश की है.केरल के सीएम पिनराई विजयन ने इस शादी की फोटोज फेसबुक पर शेयर कर मुस्लिम समाज के लोगों के इस कदम की सराहना की है। 

मिली जानकारी के मुताबिक केरल के अलापूझा के चेरुवल्ली स्थित जुमा मस्जिद में रविवार को पारंपरिक हिंदू रीति रिवाज से एक लड़की की शादी कराई गई, इतना ही नहीं मस्जिद कमिटी ने शादी के बाद भोज का भी आयोजन किया। जिसमें हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों ने शादी में शरीख हो कर वर-वधू को आशीर्वाद दिया। 

आपको बताये कि  22 साल के अंजू के पिता की दो साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी. जिसके बाद से उसके घर की हालत खराब चल रही थी. पैसे के कारण शादी के लिए खर्चों का इंतजाम लड़की के घरवाले नहीं कर पा रहे थे. ऐसे में अंजू की मां ने बेटी की शादी के लिए स्थानीय मस्जिद से आर्थिक मदद मांगी थी. जिसके बाद मस्जिद कमिटी के सदस्यों ने इस मांग को पूरा करते हुए बड़े ही धूम - धाम से लड़की की शादी करवाई। 

 कमिटी के सदस्यों से मस्जिद परिसर में हिन्दू रीति- रिवाज के मुताबिक़ फूलों की सजावट की गई और मंडप बनाया गया. इसके बाद पूरे रीति रिवाज से अंजू और शरद की शादी संपन्न हुई. शादी के बाद मेहमानों को भोज भी दिया गया जिसमें लोगों को शाकाहारी व्यंजन परोसा गया.  इस शादी में दोनों समुदाय के एक हजार लोग शामिल हुए. इसके साथ ही जेवरचेरुवल्ली जमात कमेटी ने दुल्हन को 10 जेवर और 2 लाख रुपए उपहार में भी दिए.

इस तरह की हिन्दू - मुस्लिम समाज के लोगों का एक - दूसरे के प्रति भाईचारा और प्रेम हमारे समाज में मानवता को ज़िंदा रखने में मदद करता है , मस्जिद कमिटी का यह कदम संदेश देता है कि  हमे समाज के लोगों को हिन्दू, मुस्लिम,सिख, ईसाई नहीं बल्कि एक इंसान की नज़र से देखना चाहिए।  ताकि कोई भी नेता अपने स्वार्थ को पूरा करने के मकसद से हमारे समाज में जात - पात और धर्म के पर हमारे समाज को नहीं बांटे।