(आलेख/शुभांकर राजहंस)Edited by-शुभम मिश्र :-
जाड़े की धूप भले ही किसी प्रणयी को किसी के रूप का श्रृंगार मालूम पड़ती हो और इस मौसम में भारतीय सभ्यतानुसार पतंग उड़ाने का धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व भी देखने को मिलता है। इस मौसम में आकाश में रंग-बिरंगे पतंग अठखेलियां करते नज़र आते हैं।
पतंगों को अक्सर पूर्वी भारत के बच्चों के लिए सबसे अच्छा आउटडोर गेम माना जाता है। ये पतंगें जनवरी से मार्च के मध्य महीने तक प्रवाहित की जाती हैं जो बेहद अच्छी मौसम की स्थिति और कड़कड़ाती ठंड से छुटकारा पाने के कारण पतंग उड़ाने का सबसे अच्छा समय भी माना जाता है, लेकिन इन पतंगों से अक्सर जानवरों को भारी परेशानी होती है। क्रेन की तरह, सारस जो प्रवासी पक्षियों के प्रकार हैं।वास्तव में ये पक्षी उत्तरी भाग से दक्षिणी भाग तक उड़ते हैं ताकि अत्यधिक ठंड से खुद को बचाया जा सके जो कि उत्तरी भाग में टूटता है। ये पक्षी सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करते हैं और हमारे क्षेत्र में आते हैं।ये पक्षी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये छोटे कीटों को खाकर पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखते हैं। इन पक्षियों के बारे में एक बहुत ही दिलचस्प तथ्य यह है कि यह जन्मजात दिक्सूचक एवं मौसम की जानकारी रखते हैं,जो इन्हें सही स्थान,मौसम एवं आने वाली आपदाओं की पहचान करने में मदद करता है। ये पक्षी हमेशा वी आकार में उड़ते हैं जो हवा के कणों को काटने, उन्हें आसानी से उड़ने एवं मार्ग भटकाव से बचाने में मददगार साबित होता है, जिससे उन्हें लंबी दूरी तय करने में आसानी होती है, लेकिन वर्तमान में पक्षियों के अस्तित्व पर संकट नज़र आता दिख रहा है। जिसका एक कारण पतंग उड़ाने में नायलाॅन एवं डैक्रान से बने धागों का इस्तेमाल को भी कहा जा सकता है। प्रवासी पक्षी इन धागों को देखने में असमर्थ होते हैं जिस कारण इस धागे से उनके पंख लपटाकर कट जाते हैं या टूट जाते हैं और पक्षी मृत्यु तक झेलते हैं।
बता दें कि प्रवासी पक्षी अक्सर शाम को विचरण करते हैं। इसलिए शाम में पतंगबाजी करने से परहेज़ करनी चाहिए। बावजूद इससे लोगों का पर्यावरण के प्रति जागरूक न होना मानव जाति एवं पर्यावरण के लिये खतरा पैदा करता जा रहा है।
इस ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य लोगों को पतंग उड़ाने को जागरूक करने के लिए नहीं है, बल्कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए है कि वे अपने मनोरंजन हेतु क्या गलतियाँ करते हैं जो जीवन के लिये अहितकर साबित हो रहा है। अतः हमें उनके महत्व को समझने की दरकार है। आशा है कि यह पोस्ट आप सभी पाठकों के लिए खासा महत्वपूर्ण साबित हो।
जाड़े की धूप भले ही किसी प्रणयी को किसी के रूप का श्रृंगार मालूम पड़ती हो और इस मौसम में भारतीय सभ्यतानुसार पतंग उड़ाने का धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व भी देखने को मिलता है। इस मौसम में आकाश में रंग-बिरंगे पतंग अठखेलियां करते नज़र आते हैं।
पतंगों को अक्सर पूर्वी भारत के बच्चों के लिए सबसे अच्छा आउटडोर गेम माना जाता है। ये पतंगें जनवरी से मार्च के मध्य महीने तक प्रवाहित की जाती हैं जो बेहद अच्छी मौसम की स्थिति और कड़कड़ाती ठंड से छुटकारा पाने के कारण पतंग उड़ाने का सबसे अच्छा समय भी माना जाता है, लेकिन इन पतंगों से अक्सर जानवरों को भारी परेशानी होती है। क्रेन की तरह, सारस जो प्रवासी पक्षियों के प्रकार हैं।वास्तव में ये पक्षी उत्तरी भाग से दक्षिणी भाग तक उड़ते हैं ताकि अत्यधिक ठंड से खुद को बचाया जा सके जो कि उत्तरी भाग में टूटता है। ये पक्षी सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करते हैं और हमारे क्षेत्र में आते हैं।ये पक्षी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये छोटे कीटों को खाकर पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखते हैं। इन पक्षियों के बारे में एक बहुत ही दिलचस्प तथ्य यह है कि यह जन्मजात दिक्सूचक एवं मौसम की जानकारी रखते हैं,जो इन्हें सही स्थान,मौसम एवं आने वाली आपदाओं की पहचान करने में मदद करता है। ये पक्षी हमेशा वी आकार में उड़ते हैं जो हवा के कणों को काटने, उन्हें आसानी से उड़ने एवं मार्ग भटकाव से बचाने में मददगार साबित होता है, जिससे उन्हें लंबी दूरी तय करने में आसानी होती है, लेकिन वर्तमान में पक्षियों के अस्तित्व पर संकट नज़र आता दिख रहा है। जिसका एक कारण पतंग उड़ाने में नायलाॅन एवं डैक्रान से बने धागों का इस्तेमाल को भी कहा जा सकता है। प्रवासी पक्षी इन धागों को देखने में असमर्थ होते हैं जिस कारण इस धागे से उनके पंख लपटाकर कट जाते हैं या टूट जाते हैं और पक्षी मृत्यु तक झेलते हैं।
बता दें कि प्रवासी पक्षी अक्सर शाम को विचरण करते हैं। इसलिए शाम में पतंगबाजी करने से परहेज़ करनी चाहिए। बावजूद इससे लोगों का पर्यावरण के प्रति जागरूक न होना मानव जाति एवं पर्यावरण के लिये खतरा पैदा करता जा रहा है।
इस ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य लोगों को पतंग उड़ाने को जागरूक करने के लिए नहीं है, बल्कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए है कि वे अपने मनोरंजन हेतु क्या गलतियाँ करते हैं जो जीवन के लिये अहितकर साबित हो रहा है। अतः हमें उनके महत्व को समझने की दरकार है। आशा है कि यह पोस्ट आप सभी पाठकों के लिए खासा महत्वपूर्ण साबित हो।