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गिद्धौर डाकघर को है उन्नयन की आवश्यकता, दीवारों पर आ गयी है दरारें


गिद्धौर (धनंजय कुमार 'आमोद') :-  दरकती दीवारों के साये में काम करने वाले डाकघर के कर्मचारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, यही नजारा है गिद्धौर उप-डाकघर का।


 नियमित मरम्मत और देखभाल नहीं किये जाने की वजह से डाक घर की दीवारों पर भी दरारें आ गई हैं। बरसात के दिनों में गिद्धौर उप-डाकघर में रखे तमाम कागजातों, दस्तावेजों और विद्युत उपकरणों को सुरक्षित रखने की चिंता बनी रहती है।

*- एक ही कक्ष में संचालित होती हैं सभी गतिविधियाँ -*

जानकारी अनुसार, गिद्धौर राज-रियासत के तत्कालीन शासक द्वारा डाक विभाग को उपलब्ध करवाया गया था। गिद्धौर डाकघर में हॉलनुमा एकमात्र कमरा बना हुआ है जिसमें डाक सम्बंधित सभी कार्य दशकों से संचालित की जाती हैं। उप-डाकघर होने के नाते प्रतिदिन आसपास के गांवों से भी हजारों की संख्या में आने वाले पत्रों की गिनती, उनकी छँटाई, डाक सामग्री खरीदने का काउंटर, फॉर्म भरने का काउंटर, पोस्ट ऑफिस की बचत योजना काउंटर, पोस्ट मास्टर व कर्मचारियों के लिए बैठने का स्थान आदि के लिए केवल हाॅल के भाँति का एकमात्र कक्ष ही है। जिस वजह से विभिन्न कार्य करने में काफी मुश्किलें आती हैं। स्थिति ऐसी है कि यदि कोई व्यक्ति डाकघर के अंदर पहुँच जाए तो उसे चारों ओर यहाँ-वहाँ बेतरतीब बिखरी डाक सामग्रियाँ, रजिस्टर व उनसे घिरकर कार्य करते हुए कर्मचारी दिखाई देंगे। ऐसी हालत में कार्य करना इन कर्मचारियों की मजबूरी बन चुकी है।

 *- कहते हैं विभागीय अधिकारी -*

गिद्धौर डाकघर के सब-पोस्ट मास्टर मिलन सिंह ने बताया कि डाकघर के मरम्मतीकरण व अन्य समस्याओं को लेकर विभाग को पत्र प्रेषित की गई है। अभी तक कुछ प्रतिउत्तर प्राप्त नहीं हुआ।
वहीं जब मुख्यालय में जब इस संदर्भ में पूछताछ की गई तो सहायक डाक अधीक्षक जोसेफ़ मराण्डी ने बताया कि गिद्धौर डाकघर से किसी भी तरह का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।  पोस्टमास्टर द्वारा डाकघर के सभी समस्याओं को एक आवेदन में प्रेषित कर विभाग को भेजे जाने पर उसे आरओ के पास अग्रेषित की जाएगी।