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Wednesday, 18 December 2019

अलीगंज : यहां एक शिक्षक गढ़ रहे हैं 156 बच्चों का भविष्य


 अलीगंज (चन्द्रशेखर आज़ाद) Edited by- Abhishek Kumar Jha :-

बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सदैव ही सवालों के घेरे में रही है। अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत को चरितार्थ करने वाले कई ऐसे उदाहरण जमुई जिले में भी देखने को मिलेगी जहां विभागीय अनदेखी के कारण लोग शिक्षा विभाग पर ही व्यंग कसने लगते हैं।


ताज़ा उदाहरण अलीगंज प्रखंड अंतर्गत कोदवरिया पंचायत स्थित महादलित उत्क्रमित मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर का है। इस विद्यालय में अध्ययनरत 156 नौनिहालों के भविष्य की बागडोर एक शिक्षक के हाथ मे है।

*कुछ यूं है विद्यालय की बानगी *

उक्त विद्यालय के वर्ग प्रथम से अष्टम तक कुल 156 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। विद्यालय में मात्र एक शिक्षक पदस्थापित हैं जो कि बच्चों के पढाने के साथ-साथ  विद्यालय प्रभारी का भी कार्यभार संभाल रहे हैं।
 अब इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक शिक्षक 156 बच्चों को कैसे शिक्षा दे पाएंगे। जबकि प्रभारी एचएम को महीने में एक दिन बीआरसी मे गुरूगोष्ठी के लिए जाना पड़ता है। उस दिन बच्चों को दिनभर बिना गुरूजी के ही पठन-पाठन करना पड़ता है।

*कहते हैं प्रभारी एचएम*

प्रभारी एच एम अनिल रविदास बताते हैं कि अकेले रहने के बावजूद भी बच्चों को पढा रहे है, लेकिन जिस दिन बीआरसी अलीगंज  गुरू गोष्ठी में जाना पड़ता है उस दिन काफी दिक्कतें आती हैं।
  उन्होंने बताया कि एक शिक्षक विवेक कुमार यहां पदस्थापित थे, लेकिन वे वर्षो से प्रखंड कार्यालय में प्रतिनियोजन पर हैं। ऐसे में अकेले शिक्षक और एचएम के दायित्व का संयुक्त रूप से निर्वहन करना थोड़ा कठिनाई भरा होता है। इस व्यवस्था में 156 बच्चों का भविष्य दांव पर रहता है।

*ग्रामीणों ने रखी अपनी राय*

ग्रामीण सरयुग पासवान, ब्रह्मदेव पासवान, राजो दास, काली दास, रवींद्र कुमार, कविता देवी, टेनी रजक, होरिल दास, प्रदीप कुमार ने बताया कि एक शिक्षक प्रतिनियोजन पर कर दिये जाने से बच्चो के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है। एक शिक्षक आखिर 156 बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा परोसने में किस हद तक सक्षम हो सकेंगे।


 ग्रामीण  बताते हैं कि कभी-कभी प्रभारी साहब जब बैठक में जाते हैं तो विद्यालय बन्द करना पड़ता है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार को आवेदन देकर विद्यालय में दो शिक्षक के पदस्थापन कराने की मांग की है।

*यह भी जान लीजिए*

जानकारी के लिए बता दें कि क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के सभी शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द कर दिया गया था, और मुल विद्यालय में योगदान करने का आदेश दे रखा है, लेकिन अभी भी अलीगंज प्रखंड के शिक्षा विभाग के बाबुओं के कृपा, रहमों-करम व नगद नारायण के बलबुते वर्षों से प्रतिनियोजन पर जमे हैं।
             विश्वसनीय सूत्रों की यदि माने तो, कई ऐसे शिक्षक हैं जो अपनी पहुंच व पैसे के बदौलत पांच से सात वर्षो से लगातार प्रतिनियोजन पर कुंडली मार विराजमान हैं।ऐसी बात नही है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी इससे अनजान हैं, पर अभी भी विभागीय स्तर पर कार्रवाई न  होना ग्रामीण के मन में एक सवालिया निशान लगा रही है। विभागीय स्तर पर निष्पक्षता के साथ यदि इसकी जांच  वरीय अधिकारियों के द्वारा तन्मयतापूर्वक की जाय तो सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।

*अधिकारी ने भी दी प्रतिक्रिया*

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मो. कमरूद्दीन अंसारी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में पदभार ग्रहण किया है। उनसे पहले वाले बीईओ ने प्रतिनियोजन किया है। मामले को संज्ञान में  लेकर जांचोपरांत उचित कार्रवाई की जाएगी।

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