अयोध्या मामला : सुप्रीम कोर्ट अभी बिका नहीं है



अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला निश्चित ही एक ऐतिहासिक फैसला होगा। यह फैसला विश्व भर में भारत की पहचान को भी स्थापित करेगा। अमन समिति के संयोजक धनंजय कुमार सिन्हा ने विश्वास जताया कि भारत के सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर आएगा, वह निश्चित ही हिंदू एवं इस्लाम दोनों ही धर्मों के भारतीय अनुयायियों के लिए स्वीकार करने योग्य होगा। उस फैसले से दोनों ही धर्म के लोगों की एवं अन्य समस्त भारतीयों की भी भारत के न्याय व्यवस्था पर आस्था बढ़ेगी। विश्व समुदाय के सामने भी सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय भारतीय न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता का उदाहरण पेश करेगा।

धनंजय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय सिर्फ यह निर्धारित करने भर का मामला नहीं है कि अयोध्या की विवादित जमीन पर मंदिर बनेगा या मस्जिद, या फिर दोनों आधा-आधा, या फिर दोनों ही को अलग जगह दी जाएगी, बल्कि यह निर्णय भारत की करोड़ों जनता के मन में सुप्रीम कोर्ट की निष्पक्षता एवं वहां की न्याय पूर्ण व्यवस्था के प्रति आस्था को मजबूत करने का अवसर भी है। 

उन्होंने कहा कि यह निर्णय देशवासियों एवं विश्व समुदाय के समक्ष यह जाहिर करने का भी अवसर है कि भारत का सर्वोच्च न्यायालय जाति-धर्म, ऊंच-नीच, अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक जैसे भेदभाव से परे हर किसी के लिए न्याय को उपलब्ध कराने वाली संस्था है। 

धनंजय ने कहा कि यह निर्णय यह भी साबित करने का अवसर है कि भारत का सर्वोच्च न्यायालय अभी बिका नहीं है।

(अमन समिति के संयोजक धनंजय कुमार सिन्हा)

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