【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】 :-
गिद्धौर प्रखंड मुख्यालय से तकरीबन 3 किलोमीटर पर स्थित कैराकादो व बानाडीह के मध्य स्थित चौरा रेलवे हॉल्ट जाने वाले रास्ते मे पड़ने वाले बनाडीह के बहियार पर कार्यरत् किसानों को अपनी फसल को सिंचाई करने के लिये बाँस के खूँटे का सहारा लेना होता है।
बहियार का आलम यह है कि यहाँ पर खेती कर रहे किसान बिजली पाने के लिए बार- बार टोका का प्रयोग कर रहे हैं। स्थानीय कृषक दिनेश्वर यादव, महेन्द्र पण्डित, नरेश यादव, केदार यादव, मंटू यादव आदि बताते है कि हमलोगों के बहियार में बिजली पाॅल और तार नहीं पहुँची, लिहाजा हम गरीब किसानों को बाँस की खूँट के सहारे पाॅल से बहियार में बिजली लाकर फसल पटवन के कार्य को करना पड़ता है। हम किसानों ने बिजली कनेक्शन भी लिया है। बावजूद इसके विभाग द्वारा न तो हम किसानों को पोल दिया गया और न ही तार उपलब्ध कराई गई।
स्थानीय किसानों ने अपना दुखडा सुनाते हुए यह भी बताया कि हम किसान भाई अपनी जान जोखिम में डालकर तार खींचे हुए है अगर ऐसा नहीं करेंगे तो हमलोगों की फसल नही हो पाएगी जिससे की हमलोग भुखमरी के कगार पर पहुँच जाएगें।
*गिद्धौर के अन्य हिस्सों में भी कुछ ऐसा ही है आलम*
कुछ ऐसा ही हाल गिद्धौर के अन्य हिस्सों का है, जहां सिंचाई कैनाल के किनारे स्थित बहियार में भी बांस के सहारे लटकते जर्जर तार अनहोनी को आमंत्रण दे रहे हैं। इस बहियार में बांस के सहारे खड़े किए गए बिजली की तार से कई बार अप्रिय घटना को टाला जा चूका है। पर दिन-ब-दिन हाई वोल्टेज वाली यह तार बहियार में चारा चरने वाले मवेशियों के साथ साथ स्थानीय कृषकों के लिए भी जी का जंजाल बना हुआ है।
- *कहते हैं बिजली विभाग के अधिकारी* -
सब-पावर ग्रीड, गिद्धौर(जमुई) के कनीय अभियन्ता आनन्द मोहन ने कहा कि अभी बहियार में धान लगा हुआ है। धान की फसल कटने पर विभाग द्वारा पोल व तार लगवा कर व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा।