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शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

झारखंड : संगीत ने मुंबई के होटल में बर्तन धोने वाले के दिन फेरे


रांची : अगर मन में किसी चीज के प्रति सच्ची लगन और संघर्ष करने का माद्दा हो तो कुछ भी असंभव नहीं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है झारखंड के रामगढ़ के रहने वाले दिवस नायक ने।

नायक अपने गांव दुलमा से पांच साल पहले भागकर मुंबई पहुंचा था। उसने वहां अपना व उसके गांव में रह रहे बूढ़े माता-पिता और बहन का पेट भरने के लिए चार साल तक होटलों में बर्तन साफ किए। मगर गायकी के उसके हुनर ने उसे ‘इंडियन आइडल’ के मंच तक पहुंचा दिया, जिससे उसके दिन ही फिर गए।

नायक ‘इंडियन आइडल’ से टॉप-30 में शामिल होने के बाद भले ही बाहर हो गए हों, मगर फिलहाल वह इतने विख्यात हो गए हैं कि सोमवार को रांची हवाईअड्डे पर उनके उतरने के बाद गांव के दर्जनों लोगों ने उनका स्वागत किया।

नायक के विमान से रांची आने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। उन्होंने आईएएनएस को बताया, “इंडियन आइडल के निर्णायकों मंे शामिल गायिका नेहा कक्कड़ ने मुझे बतौर पुरस्कार एक लाख रुपये देते हुए कहा था कि मैं हवाई जहाज से ही अपने घर जाऊं और फिर जहाज से ही मुंबई लौटूं।”

उन्होंने बताया कि होटल में बर्तन धोने के दौरान ही एक दोस्त ने उन्हें बताया था कि इंडियन आइडल का ऑडिशन होने वाला है। इसके बाद वह इसका ऑडिशन देने पहुंचे और उन्हें प्रवेश भी मिला।

रामगढ़ जिले के दुलमी गांव के रहने वाले नायक आज जाना पहचाना नाम हो गया है। रांची हवाईअड्डा से लेकर उनके अपने गांव तक लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। चाहने वालों ने उनके साथ सेल्फी भी ली।

नायक ने सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले सिगिंग रियलिटी शो ‘इंडियन आइडल’ सीजन-11 में सूफी गायक कैलाश खेर का गीत ‘तू जो छू ले प्यार से’ गाया था, जिसके बाद वह रातों-रात सुर्खियों में आ गए।दिवस कहते हैं कि संगीत में मिली इस सफलता का ही परिणाम है कि उन्हें हिंदुजा अस्पताल में अंटेंडेंट के रूप में नई नौकरी भी मिल गई है।

उन्होंने आगे की योजना पर बात करते हुए बताया, “कुछ अच्छा करना है। जब तक मैं जिंदगी में बड़ा कलाकार नहीं बन जाता, तब तक संघर्ष करता रहूंगा।दिवस की सफलता से उसके माता-पिता भी फूले नहीं समा रहे हैं।

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