बिहार : नीतीश सच्चाई जानने को इच्छुक तो सीएम आवास तक शराब की डिलीवरी करा सकता हूँ - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad - Contact for Advt

Post Top Ad - SR DENTAL, GIDHAUR

सोमवार, 4 नवंबर 2019

बिहार : नीतीश सच्चाई जानने को इच्छुक तो सीएम आवास तक शराब की डिलीवरी करा सकता हूँ

पटना : बिहार में शराब की होम डिलीवरी की बात सच है। अगर पटना की बात की जाए तो गवाह के तौर पर भी शराब की होम डिलीवरी वाली बात की पुष्टि कर सकता हूं। अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ऐसी बातें अफवाह लगती हैं तो उन्हें सच से अवगत कराने के उद्देश्य से पटना के किसी भी मोहल्ले-घर तक शराब की डिलीवरी होते हुए दिखला सकता हूं। थोड़ा प्रयास करने पर राजनैतिक पता-ठिकानों से अपरिचित-अनभिज्ञ डिलीवरी बॉय द्वारा मुख्यमंत्री आवास तक भी शराब की डिलीवरी करके दिखाई जा सकती है। उक्त बातें पत्रकार एवं अमन समिति के संयोजक धनंजय कुमार सिन्हा ने कही।

पत्रकार ने कहा कि शराब की होम डिलीवरी मामले में मुख्यमंत्री  को गलत फीड दिया जा रहा है। वरिष्ठ नेता-अधिकारी मुख्यमंत्री से हकीकत छुपा रहे हैं, पर सच यही है कि राजधानी में आसानी से शराब होम डिलीवरी के रूप में उपलब्ध है। बस, आपके पास भुगतान के लिए अपेक्षाकृत अधिक पैसे होने चाहिए।

पत्रकार ने कहा कि सरकार द्वारा शराबबंदी में सबसे बड़ा छिद्र थाना स्तर पर है। अब तक प्रकाश में आ चुकी अनेक घटनाओं से भी इस बात की पुष्टि भी होती है।

उक्त विषय पर बात करते हुए पत्रकार एवं अमन समिति के संयोजक धनंजय कुमार सिन्हा ने यह भी कहा कि शराबबंदी के बाद लोग खुलेआम सीना तानकर गाली-गलौज करते हुए शराब नहीं पीते हैं। राजधानी के होटलों में होने वाली बैठकों एवं पार्टियों में भी अब शराब का व्यवहार नहीं होता। लोग शराब पीकर गाड़ी चलाने से भी बचते हैं। इन सबसे गाड़ी दुर्घटना एवं अनेक प्रकार की अवांछित हिंसा में कमी जरूर आई है।

होम डिलीवरी सिस्टम में शराब लेने वाले और देने वाले दोनों चोरी-छुपके यह कार्य करते हैं। इस प्रकार शराब के व्यवहार में निश्चित रूप से काफी कमी आई है। चूंकि होम डिलीवरी में सिर्फ अंग्रेजी शराब मिलती है, एवं इसकी कीमत अपेक्षाकृत काफी अधिक होती है, इसलिए निम्न आर्थिक वर्ग के लोग साधारणतः इससे मुक्त हैं। निम्न-मध्यम आर्थिक वर्ग एवं मध्यम आर्थिक वर्ग के लोग भी यदा-कदा ही शराब का व्यवहार कर पाते हैं। शराब का नियमित व्यवहार मध्यम-उच्च आर्थिक वर्ग एवं उच्च आर्थिक वर्ग के लोगों के द्वारा ही संभव है। अगर पूरी स्थितियों की तुलनात्मक समीक्षा की जाए तो यह संतोषजनक एवं प्रशंसनीय कहे जाने योग्य है।

धनंजय ने कहा कि निश्चित ही शराबबंदी बिहार सरकार एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साहसिक एवं ऐतिहासिक निर्णय है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के वक्तव्यों का उल्लेख करते हुए धनंजय ने कहा कि सदियों बाद भी जब कभी वर्तमान बिहार सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की जायेगी तो शराबबंदी सबसे मुख्य होगा।
(धनंजय कुमार सिन्हा)
धनंजय ने कहा कि बहुत सारे लोग अचानक से नशा को रोक दिए जाने के पक्षधर नहीं भी हैं। शायद कुछ मायनों में उनकी बातें सही भी हों। इसलिए समाज में होम डिलीवरी जैसी चीजों का इजाद हो गया। किन्तु अब समय आ गया है कि शराब के इस होम डिलीवरी एवं अन्य छिट-पुट सप्लाय पर भी रोक-थाम के तरीके बनाए जाएँ, और 'पूर्ण शराबबंदी' के सपने को जन-भागीदारी से पूरा किया जाए।

Post Top Ad -