सामाजिक जागरूकता से ही सफल होगी शराबबंदी कानून : सुजीत रमन - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad - Contact for Advt

Post Top Ad - SR DENTAL, GIDHAUR

बुधवार, 13 नवंबर 2019

सामाजिक जागरूकता से ही सफल होगी शराबबंदी कानून : सुजीत रमन




पटना [अनूप नारायण] :
समाजसेवी सुजीत रमन का कहना है कि शराब सिर्फ एक नशा ही नहीं बल्कि परिवार की सुख-शान्ति और उसकी अर्थ-व्यवस्था के लिए भी खतरनाक है । शराब की लत लग जाने पर एक आदमी परिवार को, समाज को तथा अपने आप को भूल जाता है। दूसरी तरफ शराब सरकार के लिए राजस्व प्राप्ति का एक बड़ा साधन है । इसलिये शराबबंदी लागू करने के बारे में सरकारों में हिचकिचाहट होती हे लेकिन यह एक साहस का काम है क्योंकि शराबबन्दी से जो घाटा होगा उसे पूरा करने के लिए कोई दूसरा रास्ता तलाशना पड़ेगा फिर भी समाज की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि घाटा सह कर भी सरकार ने शराबबंदी कानून लागू किया और समाज को बर्बाद होने से बचाना की कोशिश कर रही है । लेकिन बिहार में सरकार और समाज के दुश्मन शराब माफिया इस कानून को ताख पर रखकर खुलेआम शराब का व्यापार कर रहे है और कुछ चंद भ्रष्ट अधिकारी उनका साथ दे रहे है । सवाल यह है कि आखिर सरकार इन भ्रष्ट अधिकारियों एवं सत्ता में बैठे समाज के दुश्मन कुछ चंद भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ करवाई क्यों नही करती ? क्या सरकार ने शराबबंदी कानून को सिर्फ कागजों में लागू किया है ?  उन्हें जमीन पर उतारने में इतनी परेशानी क्यों हो रही है ।                   बिहार के एक प्रभावशाली संगठन भारतीय युवा शक्ति के राष्ट्रीय सचिव सुजीत रमन अपने पूरी टीम के साथ शराबबंदी को जमीन पर लागू करने के लिये दिन रात सरकार के साथ काम कर रहे है । उन्होंने  पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर लगभग पचास हजार लीटर से ज्यादा अवैध शराब नष्ट करवाया है और दर्जनों को जेल के सलाखों के पीछे भी भिजवाया है। और दिन रात चंपारण जिले के गांवों में अपनी टीम के साथ शराब पकड़वाने का काम करते है । शराब माफियाओ ने कई बार सुजीत रमन को जान से मारने की धमकी भी दे डाली , सुजीत रमन ने इसकी लिखित शिकायत बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे से भी की है ।    पुलिस महानिदेशक भी शराबबंदी कानून को सफल बनाने हेतु प्रयासरत हैं साथ ही संलिप्त अधिकारी के खिलाफ भी काफी सख्त कार्रवाई कर रहें हैं।

        अब सवाल यह है कि क्या सरकारी तंत्र शराब मुक्त बिहार नही होने देना चाहती या शराबबंदी सिर्फ अवैध पैसे की उगाही के लिये किया गया है ?

Post Top Ad -