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गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव के पहले दिन अल्ताफ रज़ा ने टूटे दिलों पर लगाया मरहम

गिद्धौर [सुशान्त साईं सुन्दरम] :
गिद्धौर के कुमार सुरेंद्र सिंह स्टेडियम में गुरुवार की शाम जैसे-जैसे शाम ढलती जा रही थी वैसे-वैसे लोगों का उत्साह परवान चढ़ता जा रहा था। मौका था गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव का। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन, जमुई के सौजन्य से विगत वर्ष से शुरू हुए गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव के रंगारंग आयोजन के इतिहास में एक नया अध्याय गुरुवार को जुड़ गया जब बढ़ती भीड़ और दर्शकों के उत्साह के साथ कार्यक्रम का आगाज़ हुआ।
संस्कृति और परंपराओं को जीवंत करते हुए जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार, एसपी डॉ. इनामुल हक़ मेंगनु, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री दामोदर रावत, एसडीओ लखिन्द्र पासवान, डीएसपी रामपुकार सिंह, सिकन्दरा विधायक सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी, पूर्व मंत्री अर्जुन मंडल, प्रखंड प्रमुख शंभु केशरी एवं अन्य गणमान्यों द्वारा दीप प्रज्वलित कर गिद्धौर महोत्सव की शुरुआत हुई।
खनकती आवाज के साथ दर्शकों में उत्साह और जोश का संचार करती हुईं एंकर एकता तिवारी ने मन मोह लिया। संचालन में उनके लय और अद्भुत वाणी कला के सभी क़ायल हो गए।
गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव की शुरुआत भगवान गणेश की आराधना करते हुए 'देवा श्री गणेशा' पर बेहतरीन नृत्य प्रस्तुति के साथ हुई।
इसके बाद भोजपुरी एवं बॉलीवुड की खूबसूरत गायिका सोना सिंह ने नवरात्री पर अपनी विशेष प्रस्तुति 'ले के पूजा की थाली' गाकर सबका मन मोह लिया। इसके बाद 'मेरे रश्क़-ए-क़मर' गाने पर उन्होंने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। सोना की प्रस्तुति के दौरान खूब तालियां बजीं।

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कार्यक्रम आगे बढ़ने के साथ ही दर्शक दीर्घा में लोगों की भीड़ भी बढ़ती जा रही थी। वीआईपी दर्शकों के साथ-साथ सामान्य दर्शकों के लिए भी बैठने की व्यवस्था की गई थी। वहीं जिन्हें कुर्सियां नहीं मिलीं वे खड़े होकर भी कार्यक्रम का लुत्फ उठा रहे थे।
ज़ी बंगला सा रे गा मा पा फ़ेम सुभाश्री देवनाथ ने 'कौन तुझे यूँ प्यार करेगा' गाते हुए डांस ग्रुप के साथ मंच पर एंट्री ली। उन्हें देखते ही दर्शक बेकाबू हो गए और जबरदस्त तालियों के शोर के साथ उनका अभिनंदन किया।

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सुभाश्री ने एक के बाद एक 'मेरे रश्क़-ए-क़मर', 'नगाड़े संग ढोल बाजे', 'लैला मैं लैला', 'सारा ज़माना हसीनों का दीवाना' पर गाते हुए डांस किया और दर्शकों को भी खूब झुमाया।
जाते-जाते उन्होंने 'अभी तो पार्टी शुरू हुई है' गाकर यह याद दिला दिया कि कार्यक्रम अभी शुरू ही हुआ है और आगे बहुत सारा धमाल होना बाकी है।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए एंकर एकता तिवारी ने अपने संचालन में कहा कि प्रेम से इंसान अछूता नहीं होता। उन्होंने एक शेर भी सुनाई - 'तुझे प्यार करना नहीं आता, मुझे प्यार के सिवा कुछ नहीं आता। दुनिया में जीने के दो तरीके हैं, एक तुझे नहीं आता, एक मुझे नहीं आता।' इसके बाद वो पल आया जिसका दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। एकता तिवारी ने जैसे ही अगली प्रस्तुति के लिए अल्ताफ़ रज़ा का नाम लिया भीड़ ने जोरदार तालियों के साथ उनका इस्तक़बाल किया।
gidhaur.com के यूट्यूब चैनल पर इसका लाइव प्रसारण भी किया गया। जहाँ 10 हजार से भी अधिक दर्शकों ने इसे घर बैठे लाइव देखा। इसके लिए gidhaur.com की टीम से अभिषेक कुमार झा, अक्षय कुमार, शुभम कुमार, किशोर कुमार, नीतीश कुमार सहित अन्य सहयोगियों ने अपना योगदान दिया।
अल्ताफ़ रज़ा ने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत में ही कहा कि 12 साल के बाद मुझे फिर से गिद्धौर महोत्सव में शामिल होने का मौका मिला। बता दें इसके पूर्व जब स्व. दिग्विजय सिंह द्वारा गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव की शुरुआत की गई थी तब अल्ताफ़ ने इसी मैदान में अपनी गायकी की बेहतरीन प्रस्तुति दी थी।
खूबसूरत शेर-ओ-शायरी के साथ अल्ताफ़ ने 'तुमसे कितना प्यार है, दिल में उतर कर देख लो', 'आवारा हवा का झोंका हूँ', 'हम वो दीवाने हैं' जैसे अपने गाये एवरग्रीन गानों की प्रस्तुति दी। वहीं टूटे दिलों पर मरहम लगाते हुए उन्होंने गाया - 'जा बेवफा जा, हमें प्यार नहीं करना, तन्हा ही जी लेंगे हम, जब है तन्हा मरना'। उनकी खूबसूरत गायकी में दर्शक डूबते जा रहे थे और ऐसा लग रहा था जैसे वक़्त यहीं थम जाए और सभी गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव का मज़ा लेते रहें।

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अल्ताफ़ रज़ा ने अपने सुपरहिट गाने 'थोड़ा इंतजार का मज़ा लीजिये' गाकर श्रोताओं-दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। इसके बाद उन्होंने वो गाना गाया जो हर वक़्त में प्रेम करने वालों का पसंदीदा गाना रहा है। 'तुम तो ठहरे परदेसी, साथ क्या निभाओगे' सुनते ही दर्शक झूमने-नाचने लगे और साथ गुनगुनाकर उनका जबरदस्त साथ दिया।

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कार्यक्रम की समाप्ति से पूर्व डीएम धर्मेंद्र कुमार की फ़रमाइश पर 'दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए' गाकर माहौल को राष्ट्रभक्ति के रस में सराबोर कर दिया।

कार्यक्रम समापन की ओर बढ़ रहा था और जाते-जाते अल्ताफ़ रज़ा ने अपने ही अंदाज में सुर-लय-ताल के साथ कहा - 'मैं हूँ ऐसा परदेसी, लौट कर जब आऊंगा, उम्र भर तुम्हें अपने सीने से लगाऊंगा'।
कार्यक्रम की समाप्ति के उपरांत कलाकारों एवं आगत अतिथियों को मोमेंटो, अंगवस्त्र एवं बुके देकर सम्मानित किया गया। गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन में अंचलाधिकारी अखिलेश सिन्हा, बीडीओ गोपाल कृष्णन एवं गिद्धौर थानाध्यक्ष आशीष कुमार सक्रिय भूमिका निभाते नजर आए।
वहीं सबको धन्यवाद देते हुए डीएम धर्मेंद्र कुमार ने अधिकारियों, सिपाहियों एवं दर्शकों का आभार व्यक्त किया। साथ ही संस्कृतियों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार की पहल एवं सभी के सहयोग का आभार जताया। साथ ही आर्टिस्ट्स का भी आभार जताया। डीएम धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि जब सभी कलाकार अपनी प्रस्तुति दी रहे थे और दस हजार से भी अधिक की संख्या में भीड़ इसका लुत्फ उठा रही थी तब सभी पुलिस और फोर्स के जवान सुरक्षा एवं विधि-व्यवस्था में लगी थी। आयोजन को लेकर सभी अधिकार पिछले कई दिनों से सक्रियता से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं।
बता दें कि शुक्रवार को गिद्धौर सांस्कृतिक महोत्सव के दूसरे दिन शुक्रवार को बिहार की शान मैथिली ठाकुर, अनन्या मिश्रा, आलोक चौबे एवं मोनिका राय एंड ग्रुप अपनी प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम को नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर चैनल सब्सक्राइब करने के बाद लाइव देखा जा सकता है :
https://www.youtube.com/gidhaurlive

[सुशान्त साईं सुन्दरम की रिपोर्ट]